धूमधाम से शुरू हुआ विवाह समारोह
सिविल इंजीनियर से शादी के लिए तैयार हो चुकी दुल्हन का रिश्ता शुक्रवार को ही तय किया गया था। दूल्हा, जो एक सिविल इंजीनियर था, अपने परिवार के साथ कस्बे के एक गेस्ट हाउस में बारात लेकर पहुंचा। जैसे ही बरात पहुंची, दुल्हन के परिवार ने धूमधाम से उसका स्वागत किया। गेस्ट हाउस में शादी के रस्में पूरी की गईं, जिसमें वरमाला की रस्म भी निभाई गई। सब कुछ सामान्य चल रहा था और विवाह की तैयारी पूरी हो चुकी थी।
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फेरों से पहले दुल्हन ने दिया बड़ा झटका
शादी की मुख्य रस्में अदा करने के बाद, जब सुबह फेरों का वक्त आया, तो दुल्हन ने अचानक शादी से मना कर दिया। दुल्हन ने कहा कि उसे यह बताया गया था कि उसका दूल्हा सरकारी नौकरी में है, जबकि हकीकत में वह प्राइवेट नौकरी करता था। इस पर दुल्हन ने स्पष्ट रूप से कह दिया कि वह सरकारी नौकरी वाले दूल्हे से ही शादी करेगी, और प्राइवेट नौकरी वाले से नहीं।
यह सुनकर दूल्हा और उसका परिवार एकदम चौंक गए। दोनों परिवारों के बीच तनाव बढ़ गया और फिर कई घंटों तक बातचीत होती रही, लेकिन दुल्हन अपनी जिद पर अड़ी रही। इस बीच, समाज के कुछ लोग दोनों पक्षों के बीच सामंजस्य बनाने के लिए सामने आए।
दूल्हे ने पे स्लिप दिखाकर स्थिति स्पष्ट की
दूल्हे ने अपनी पे स्लिप फोन पर मंगाकर दुल्हन पक्ष को दिखाई, जिसमें उसका मासिक वेतन 1,20,000 रुपये था। बावजूद इसके, दुल्हन ने अपनी मांग को लेकर शादी से मना कर दिया। दूल्हे के परिवार और समाज के कुछ प्रमुख व्यक्तियों ने इस स्थिति को सुलझाने के लिए आपसी लेन-देन करने का फैसला लिया, लेकिन अंत में दोनों पक्षों के खर्चे आपस में तय किए गए और दूल्हा बिना दुल्हन के ही घर लौट गया।
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समाज और परिवारों की प्रतिक्रिया
यह घटना समाज में चर्चा का विषय बन गई। कई लोग इस घटना को एक अजीब स्थिति मान रहे हैं, जिसमें एक परिवार ने अपनी शर्तों पर जिद दिखाई। हालांकि, समाज के कुछ लोग इस घटना में दुल्हन के फैसले को समझने की कोशिश कर रहे हैं, तो वहीं कुछ लोग इसे एक विवादास्पद और कठोर निर्णय मान रहे हैं।
थानाध्यक्ष अनुराग मिश्रा ने इस मामले में कहा कि उन्हें इस घटनाक्रम के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है और ना ही कोई पक्ष थाने में आया है।
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यह घटना एक अनोखे किस्से के रूप में सामने आई है, जो पारंपरिक विवाह की धारा से हटकर कुछ नई परिभाषाएं देती है। शादी एक संपूर्ण जीवन का बंधन होता है, और इस तरह के फैसले इस बात का संकेत देते हैं कि लोगों के विचार और अपेक्षाएं बदल रही हैं। जहां एक ओर दूल्हे का उच्च वेतन और पेशेवर योग्यता थी, वहीं दूसरी ओर दुल्हन का यह मानना था कि सरकारी नौकरी को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इस घटनाक्रम ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है कि क्या हमारे समाज में पारंपरिक सोच और जिद के कारण रिश्ते इस तरह टूट जाते हैं?