पहले इस्लाम धर्म छोड़ अपनाया हिंदू धर्म, अब जाति बदलकर ब्राह्मण से हुए ठाकुर, जाने शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष का इतिहास
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पहले इस्लाम धर्म छोड़ अपनाया हिंदू धर्म, अब जाति बदलकर ब्राह्मण से हुए ठाकुर, जाने शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष का इतिहास

Subham Srivastava • LAST UPDATED : November 1, 2024, 12:26 pm IST
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पहले इस्लाम धर्म छोड़ अपनाया हिंदू धर्म, अब जाति बदलकर ब्राह्मण से हुए ठाकुर, जाने शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष का इतिहास

Wasim Rizvi : वसीम रिजवी

India News (इंडिया न्यूज), Wasim Rizvi Changed His Caste : शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी की खबर तो आपने सुनी ही होगी कि कैसे 2021 में वसीम रिजवी ने इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया। हिंदू धर्म अपनाने के बाद वसीम रिजवी ने अपना नाम बदलकर जितेंद्र नारायण त्यागी रख लिया। लेकिन अब एक बार फिर जितेंद्र नारायण त्यागी चर्चा में हैं। दरअसल वसीम रिजवी अब ब्राह्मण से ठाकुर बन गए हैं। उन्होंने अपना नाम बदलकर जितेंद्र नारायण सिंह सेंगर रख लिया है। वसीम रिजवी का धर्म परिवर्तन 6 दिसंबर 2021 को डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कराया था। उस समय उन्हें विधिवत सनातन धर्म स्वीकार करवाया गया था और उनका गोत्र वत्स बताया गया था। लेकिन अब वसीम रिजवी ठाकुर बन गए हैं।

परिवार ने तोड़ लिया नाता

हिंदू धर्म अपनाने के बाद उनकी मां और भाई ने उनसे नाता तोड़ लिया था। इसके अलावा उनके खिलाफ कई फतवे भी जारी किए गए थे। वसीम रिजवी इस्लाम को मानते थे और अक्सर इस्लाम के धर्मगुरुओं के खिलाफ बयानबाजी करते थे, जिसकी वजह से वह सुर्खियों में रहते थे। धर्म परिवर्तन के बाद वसीम रिजवी ने कहा था कि सनातन धर्म दुनिया का सबसे पवित्र धर्म है और इसमें कई खूबियां हैं।

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कुतुब मीनार को हटाने की मांग कर चुके हैं

शिया वक्फ सेंट्रल बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र नारायण सिंह सेंगर (पूर्व में वसीम रिजवी) अपने बयानों के कारण चर्चा में रहे। उन्होंने मदरसा शिक्षा को आतंकवाद से जोड़ते हुए कुतुब मीनार को हटाने की मांग की थी। इसे लेकर वे सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने भी पहुंचे थे।

इस दौरान वसीम रिजवी ने दावा किया था कि कुछ शिक्षण संस्थान चरमपंथी विचारधाराओं को बढ़ावा देते हैं। शिया और सुन्नी दोनों समुदायों ने उनके आरोपों का विरोध किया था। उनके विवादित बयान के कारण उनके खिलाफ फतवे भी जारी किए गए थे। इसके बाद उन्होंने दावा किया था कि उन्हें इस्लाम से निकाल दिया गया है।

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