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बिज़नेस डेस्क/नई दिल्ली (Gold Price History: An increase of 6.5% in the gold price has been seen this year): देश और दुनिया में सबसे सुरक्षित माने जाने वाले निवेश में सोना सबसे पहले और सबकी पहली पंसद होती है। नए साल 2023 शुरू हुए अभी ठीक से तीन महीने भी नहीं हुए और सोना 6.5% की वृद्धि के साथ लगभग 3,000 रुपये की बढ़त देखी गई है। भारत में 2023 में सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव आया है। साल की शुरुआत में दिल्ली में सोने की कीमत में कुछ तेजी देखी गई थी, क्योंकि शुरुआत में इक्विटी बाजारों में गिरावट आने से निवेशकों को सोने जैसी सुरक्षित संपत्ति में निवेश करने के लिए प्रेरित किया था।
20 साल पहले सोने के भाव में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है। साल 2003 में सोने का भाव प्रति 10 ग्राम 5,600 रुपए था। लेकिन आज के हिसाब से 10 ग्राम सोने की कीमत 59350 रुपए है। तो आखिर हर साल सोने के भाव में उतार चढ़ाव क्यों देखने को मिलती है। ऐसा क्या है जिसकी वजह से सोने का भाव उपर या नीचे होता है। आपको बता दें कि सोने का भाव कई कारणों पर निर्भर करता है, जैसे केंद्रीय बैंक की स्थिरता, बाजार में सोने की आपूर्ति और मांग, मात्रात्मक सहजता, सरकारी भंडार, आभूषण उद्योग की स्थिति और समग्र वार्षिक उत्पादन आदि।
डिमांड:
सोने की मांग सोने की कीमत में एक भूमिका निभाती है। सोना शुभ कारणों से खरीदा जाता है। जब भी कोई शादी, त्यौहार या इसी तरह का कोई उत्सव होता है तो लोग सोना खरीदना पसंद करते हैं। इस प्रकार, सोने की मांग जितनी अधिक होगी, उसका मूल्य उतना ही अधिक होगा।
ग्लोबल मार्केट कंडिशन:
वैश्विक बाजारों में हलचल से भी सोने की कीमतें प्रभावित होती हैं। चूंकि सोने को तेल और डॉलर के तुलना में एक सुरक्षित निवेश माना जाता है इसलिए जब भी तेल और डॉलर की कीमत अस्थिर होती है तब सोने के भाव में तेजी देखने को मिलती है।
पॉलिटिकल फैक्टर:
भारत में राजनीतिक कारणों से भी सोने की कीमतें बढ़ती और घटती है। देश में कोई भी राजनितिक घटना या मुख्य आर्थिक परिवर्तन का प्रभाव सोने की कीमतों पर पड़ता है।
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