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India News (इंडिया न्यूज), Indian Ocean Earthquake 2004 : आज से 20 साल पहले हिंद महासागर से उठी सुनामी ने ऐसी त्रासदी लाई थी, जिसने एक बार में ही लाखों लोगों की जिंदगी छिन ली थी। इस सुनामी ने साल 2004 में 15 देशों में बड़े पैमाने पर तबाही मची थी। यह 21वीं सदी की सबसे घातक प्राकृतिक आपदा थी, जो इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई। उस वक्त सुनामी के कारण जो विनाश हुआ था, उसे याद करके आज भी लोगों की रूह कांप जाती है। इस दिन इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप के तट पर 9.1 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया। इसकी वजह से सुनामी आई। इसमें दर्जनों देशों के लाखों लोग मारे गए। यह पूर्वी अफ्रीका तक पहुंच गई। इतनी बड़ी तादाद में जान-माल का नुकसान होने के पीछे पहले से अलर्ट का मिलना भी बताया जाता है।
9.1 तीव्रता वाले भूकंप से उठी विशालकाय सुनामी ने ऐसा विनाश मचाया, जो आज तक देखा नहीं गया। EM-DAT के अनुसार, सुनामी ने कुल 226,408 लोगों की जान गई थी। आकड़ो के मुताबिक उस वक्त लहरों की हाईएस्ट स्पीड 800 किलोमीटर प्रति घंटे (500 मील प्रति घंटे) से अधिक थी। मतलब बुलेट ट्रेन की गति से दोगुनी से भी ज्यादा। इसकी वजह से हिंद महासागर में उठने के कुछ घंटों बाद विशाल लहरों ने थाईलैंड, भारत और श्रीलंका को अपनी चपेट में ले लिया और त्राहिमाम मचा दिया।
इस सुनामी की चपेट में आने की वजह से ईएम-डीएटी के आकड़ो के मुताबिक, श्रीलंका में लगभग 35,000 लोग, भारत में 16,389 और थाईलैंड में 8,345 लोग मारे गए। भूकंप के केंद्र के सबसे करीब इंडोनेशिया का आचे प्रांत था। इसी वजह से यहां पर कुल हुई मौत का आधा यहीं से था। आचे आपदा प्रबंधन एजेंसी के अनुसार, सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र आचे बेसर और बांदा आचे थे. सोमालिया में लगभग 300 लोग मारे गए, मालदीव में 100 से ज्यादा, साथ ही मलेशिया और म्यांमार में दर्जनों लोग मारे गए।
A German catches the 2004 Indian Ocean tsunami on film from Khao Lak in Thailand.
The disaster took the lives of over 225,000 people across 14 countries. pic.twitter.com/E428Y5Thy2
— Fascinating (@fasc1nate) January 10, 2024
रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 2004 में सुनामी, भूकंप के कारण सबसे लंबी फॉल्टलाइन टूटने से आई थी। जिसकी वजह से 26 दिसंबर, 2004 को क्रिसमस के बाद रविवार को सुबह 7.59 बजे सुनामी आई थी। इंडिया प्लेट और बर्मा माइक्रोप्लेट के बीच का अंतर कम से कम 1,200 किलोमीटर (750 मील) लंबा था। इससे 30 मीटर (100 फीट) से अधिक ऊंची विशाल लहरें उठी। इससे 23,000 हिरोशिमा परमाणु बमों के बराबर ऊर्जा उत्पन्न हुई और भारी तबाही मची।
बता दें कि भूकंप की तीव्रता पहले 8.8 दर्ज की गई थी। लेकिन बाद में अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने आधिकारिक तौर पर इसकी तीव्रता 9.1 होने की पुष्टि की। इसका केंद्र जमीन से 30 किलोमीटर (18.6 मील) अंदर था। भूकंप का केंद्र सुमात्रा के तट से लगभग 241 किलोमीटर (150 मील) दूर था।
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