India News (इंडिया न्यूज़), Al Jazeera Ban: इजराइल और हमास युद्ध के बीच इजरायली संसद ने सोमवार (1 अप्रैल) को एक विधेयक पारित किया। जिसमें शीर्ष मंत्रियों को समाचार चैनल अल जजीरा के इजरायली प्रसारण पर रोक लगाने का अधिकार दिया गया है। यह ऐसा कदम है जिसे प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू उठाने के लिए तैयार हैं। दरअसल, यह कानून विदेशी चैनलों की सामग्री के प्रसारण पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार देता है। साथ ही इज़राइल में अल जजीरा के कार्यालयों को बंद करने की भी अनुमति देता है। इस कानून के पक्ष में 70 वोट, वहीं विपक्ष में 10 वोट पड़े। इसरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने इस कानून के पारित होने के बाद देश में अल जज़ीरा को बंद करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने की कसम खाई है।

अल जजीरा पर बड़ी कार्रवाई

बता दें कि, इज़राइल ने इस साल जनवरी में दावा किया था कि गाजा में हवाई हमले में मारे गए अल जज़ीरा स्टाफ पत्रकार और एक फ्रीलांसर आतंकवादी संचालक थे। फिर अगले महीने इजराइल ने कहा कि चैनल का एक अन्य पत्रकार, जो एक अलग हमले में घायल हुआ था वो हमास में डिप्टी कंपनी कमांडर था।दरअसल, इजराइली सैनिक पिछले साल अक्टूबर से ही गाजा में हमास के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं। वहीं समाचार एजेंसी अल जज़ीरा ने आरोपों का खंडन करते हुए इज़राइल पर गाजा पट्टी में अल जज़ीरा के कर्मचारियों को व्यवस्थित रूप से निशाना बनाने का आरोप लगाया है। इसरायली अधिकारियों को राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने वाले विदेशी मीडिया को रोकने की अनुमति देने वाला विधेयक पिछले महीने ही अपनी पहली संसदीय बाधा पार कर चुका है।

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सत्तारूढ़ पार्टी ने क्या कहा

इसरायली पीएम नेतन्याहू की लिकुड पार्टी ने कहा कि उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि अल जज़ीरा को बंद करने के कानून को आज शाम इज़राइल की संसद नेसेट में मंजूरी दे दी जाएगी। अल जज़ीरा के ब्यूरो प्रमुख वाएल अल-दहदौह भी फिलिस्तीनी क्षेत्र में दिसंबर में एक इजरायली हमले में घायल हो गए थे, जिसमें एजेंसी के कैमरामैन की मौत हो गई थी। इज़रायली आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इज़रायल और हमास युद्ध में अब तक लगभग 30,000 लोगो की मौत हो चुकी है। जिसमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।

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