India News(इंडिया न्यूज), Kishanganj News: आपको बताते चले की सीमांचल जिला किशनगंज जो भौगोलिक दृष्टिकोण से बांग्लादेश नेपाल और बंगाल के सीमा पर बस है जहां विगत 62 घंटे में 150 एम एस वर्षा होने से शहर की सड़कों के साथ-साथ गांव की नदियां उफान पर है। और सात राज्यों को जोड़ने वाली रेल मार्ग के रेल ट्रैक भी पानी से लबालब डूबा पड़ा है। आसमान से गिरने वाली आफत की बारिश 10 सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से जिले के ठाकुरगंज के तैयबपुर महानंदा नदी लगातार अपनी गति से बह रही है।
सभी घरो में डेढ़ से दो फिट पानी घुसा
वही पानी किशनगंज जिला मुख्यालय की लाइफ लाइन माने जाने वाली महानंदा नदी जो शहर के रमजान नदी और धोबी पट्टी घाट, प्रेमपुर, खगड़ा पुल, धरमगंज माझिया नदी, ठवा पाड़ा पुल जो शहर के बीचो-बीच होकर गुजराती है, जो पूरी तरह से तूफान पर है, जिससे नगर परिषद क्षेत्र के लगभग सभी वार्डों में लोगों के घरों में करीब डेढ़ से 2 फीट पानी घुस गया है।
सड़कों पर भी 2 से 3 कहीं 4 फीट पानी जमा होने से लोगों को आवाजाही में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दर्जनों लोग घर बार छोड़कर बगल के स्कूल में शरण लेने को मजबूर हैं। कई लोगों ने अपने-अपने निकट के रिश्तेदार के घर शरण लेने को मजबूर हैं।
वर्ष 2017 की भयानक बाढ आयी याद
सड़कों के साथ-साथ सात राज्यों को जोड़ने वाली रेल ट्रैक भी पानी में डूब जाने के कारण झील में तब्दील हो गई है। इस आफत भरी बारिश ने जिले वासियों को वर्ष 2017 का भयानक बाढ की याद दिला रही है। लोग सोच कर घबराते हैं। जब इस मामले में जिले के नगर परिषद के मुख्य पार्षद सह अध्यक्ष इंद्रदेव पासवान से पूछा गया तो उन्होंने बताया की कल ही मैंने जिले के अनुमंडल पदाधिकारी और अंचलाधिकारी को सूचित कर दिया है, की शहर में जल जमाव की स्थिति बहुत गंभीर हो गई है। और जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी से भी हमने आग्रह किया है। जहां जल भर गया है वहां के लोगों के लिए पास के स्कूलों को खोल दिया जाए ताकि लोग वहां शरण ले सके।
बचाव कार्य में जुटे नगर परिषद के कर्मी
अनुमंडल पदाधिकारी अंचलाधिकारी से हमने अनुरोध किया है कि पानी से प्रभावित लोगों को खाने-पीने की भी सरकारी सहयोग से व्यवस्था किया जाए, और हमारे सभी नगर परिषद के कर्मी बहुत गंभीर रूप से बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। और जिस जिस पुल एवं नदियों में जलकुंभी लगे हुए हैं वहां-वहां जेसीबी के माध्यम से पानी को खोला जा रहा है। जाम को हटाया जा रहा है और बाढ़ राहत का जो भी काम है वह जिला प्रशासन कि दायुक्त बनती है लोगों को सुरक्षित रखने का खबर लिखे जाने तक। आज भी किशनगंज में मूसलाधार बारिश हो रही थी।
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