India news (इंडिया न्यूज़), Home Remedies, दिल्ली: आज के समय में बाजारों में मिलावटी दालों का चलन काफी चल गया है। आज कल दाल को चमकाने के लिए पॉलिश लगाकर उन्हें चमकाया जा रहा है और यहां तक कि उनका रंग भी बदला जा रहा है और उन्हें आकर्षक बनाकर लोगों को छला जा रहा है। यह सारे तरीके स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है। इसके साथ ही दालों के अंदर दूसरी पौधों की बीजों को भी मिलाया जा रहा है। जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
अरहर दाल में करें मिलावट की पहचान
अरहर दाल के अंदर उसे मिलती-जुलती दालों की मिलावट कर दी जाती है। जिसे माटरा दाल भी कहा जाता है। यह स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक होती है। यह दाल यूपी और मध्य प्रदेश के कई इलाकों में अपने आप ही हो जाती है। इस माटरा का वैज्ञानिक नाम लैथीरस सेटाइबस है। इसके साथ ही अरहर दाल में खेसारी दाल की मिलावट की जाती है। यह दाल अरहर दाल के आकार से थोड़ी अलग होती हैं। इस आधार पर आप इसे पहचान सकते हैं।
चने की दाल में मिलावट की पहचान
चने की कई तरह की किस्में होती हैं। आपने देखा होगा कि कोई चना बड़ा होता है, तो कोई छोटा, वही कोई चने कुछ ज्यादा ही बुने होते हैं, तो कोई कम, किसी चने की किस्में हल्के काले रंग की होती है, तो वही ऐसा माना जाता है कि बेहतर क्वालिटी का चना दाल हल्के भूरे रंग का ही होता है। उसकी कीमत अधिक होती है वही दाल स्वादिष्ट भी होती है। खराब किस्म की दाल मैं अच्छी दाल की मिलावट करके उसे उचित दाम पर बेचा जाता है। इन दालों को आकार के जरिए ही पहचाना जा सकता हैं।
मूंग दाल में मिलावट की पहचान
मूंग दाल सबसे ज्यादा खाए जाने वाली स्वादिष्ट वालों में से एक है। वही डॉक्टर का कहना की तबीयत खराब होने पर मूंग दाल की खिचड़ी सेहत के लिए काफी अच्छी मानी जाती है इसलिए यह दाल हमेशा से ही महंगी मिलती है। वही आज के समय में मूंग दाल के अंदर अलग-अलग तरह की दालों का मिलावट किया जा रहा है। कहा जाता है कि मूंग दाल के अंदर जंगली पौधों के बीच मिला दिए जाते हैं। उनकी पहचान करना आसान नहीं है इसके लिए आप पहले मूंग दाल को धोकर चेक कर ले वही अधिक चमक के लिए मूंग की दाल में रंग भी मिलाया जाता हैं।
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