संबंधित खबरें
बॉलीवुड के इस नामचीन रेपर को रॉन्ग साइड गाड़ी दौड़ाना पड़ गया भारी, जुर्माने में चुकानी पड़ गई इतनी भारी रकम
ये है मुस्लिम बेगमों का इकलौता हिंदू पति, प्यार में पड़ी दोनों मेहबूबा में से किसी से भी नहीं किया निकाह? आज नमाज से पहले पढ़ती है हनुमान चालीसा
सोना के बदले मजदूरों के साथ रात रंगीन करती हैं लड़कियां, इसके पीछे की वजह जान पैरों तले खिसक जाएगी जमीन
भारत की वो 5 शक्तिशाली महिलाएं, जिनके खौफ से दुश्मन भी दबाते थे दातों तले उंगली!
Trending Video: ‘हिन्दू देवी का अपमान? मां काली के गेटप में गोलगप्पे खाने पहुंची लड़की, सोशल पर मचा बवाल
धरती पर अजूबा है यह दो सिर वाला जानवर, इसके बारे में जानकर फटी रह जाएंगी आँखें!
India News (इंडिया न्यूज), Haunted Village: राजस्थान के जैसलमेर से 18 किलोमीटर दूर एक ऐसा गांव है, जहां कभी 600 से ज्यादा परिवार रहा करते थे लेकिन करीब दो सौ सालों से यह गांव वीरान पड़ा है। कहते हैं कि यह गांव सिर्फ एक रात के भीतर पूरी तरह से वीरान हो गया था। तो आखिर यहां ऐसा क्या हुआ था? और आखिर क्यों रात ही नहीं, बल्कि दिन में भी इस गांव के खंडहर हो चुके घरों में जाने से इंसान डरता है। चलिए आज यह रहस्यमयी गुत्थी सुलझाने की कोशिश करते हैं।
राजस्थान राज्य के जैसलमेर से करीब 15 किलोमीटर दूर कुलधरा गांव स्थित है। कहा जाता है कि इस गांव को 12वीं सदी के आखिरी दौर में पालीवाल ब्राह्मणों ने बसाया था। लेकिन साल 1825 से इस गांव में कोई नहीं रहता। इस बात की कोई सटीक जानकारी नहीं है कि इस गांव के निवासी रातों-रात कहां चले गए। जानकारों के मुताबिक जैसलमेर राज्य के दीवान सलीम सिंह को पालीवाल ब्राह्मण की बेटी से प्यार हो गया था और वह उससे शादी करना चाहता था। शर्त ना मानने पर उसने लड़की को जबरन उठाने की बात कही थी, लेकिन जब गांव वाले नहीं माने तो सलीम ने लगान और टैक्स काफी बढ़ा दिया, और वो गांव पर आक्रमण करने का विचार करने लगा। इससे परेशान होकर और गांव की बेटी की इज्जत बचाने के लिए ग्रामीण रातों-रात गांव छोड़कर चले गए, लेकिन किसी ने उन्हें जाते नहीं देखा।
मरने से पहले भी शरीर करता है मौत के ऐसे 5 भयानक एहसास, लेकिन इंसानी दिमाग नहीं समझ पाता वो सिग्नल्स
तब से कोई नहीं जानता कि गांव वाले कहां गए, लेकिन ऐसा माना जाता है कि जब पालीवाल ब्राह्मण गांव छोड़कर जा रहे थे, तो उन्होंने गांव को शाप दे दिया था। 1825 में गांव छोड़ते समय ब्राह्मणों ने शाप दिया था कि जो भी इस जगह बसेगा, वह बर्बाद हो जाएगा। तब से यह गांव फिर कभी नहीं बस सका। यह गांव कभी पूरी तरह से खुशहाल और बसा हुआ था, यहां के खंडहर इस बात की गवाही देते हैं। दो शताब्दियों से भी अधिक समय से वीरान पड़े इस गांव में आज भी उस दौर के घरों के खंडहर मौजूद हैं। श्राप के कारण आज की तारीख में इसे भूतिया गांव माना जाता है।
गांव में 600 से अधिक घरों के खंडहर, एक मंदिर, आधा दर्जन छतरियां हैं। पानी की व्यवस्था के लिए करीब एक दर्जन कुएं, एक बावड़ी और चार तालाब हैं। आर्थिक रूप से समृद्ध पालीवाल ब्राह्मण पहले व्यापार और खेती करते थे। इस गांव के घरों के अंदर तहखाने बने हुए हैं। माना जाता है कि गांव के लोग अपने आभूषण, नकदी और अन्य कीमती सामान इन्हीं तहखानों में रखते होंगे। इतिहासकारों की मानें तो पालीवाल लोग पुराने सिल्क रूट के जरिए सिंध (अब पाकिस्तान में) रियासत और दूसरे देशों के साथ अफीम, नील, अनाज, हाथी दांत के आभूषण और सूखे मेवे का व्यापार करते थे।
ज्ञानवापी मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, हिंदू और मुस्लिम पक्षकारों के मुद्दा पर तर्क
भारतीय पुरातत्व विभाग ने दोनों जगहों को संरक्षित स्मारक घोषित किया है। अब यह गांव पर्यटन स्थल बन गया है। साथ ही, यहां कई फिल्मों की शूटिंग भी हुई है। दिसंबर से फरवरी तक यहां का मौसम बहुत अच्छा रहता है, इसलिए यहां जाने का यह सबसे अच्छा समय है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.