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India News (इंडिया न्यूज), Muzaffarpur News: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के माधोपुर के श्मशान घाट पर हाल ही में एक चौंकाने वाली घटना घटी जिसने वहां मौजूद लोगों को हैरत में डाल दिया। घटना रविवार की है, जब एक 22 वर्षीय युवक मिट्ठू कुमार का अंतिम संस्कार किया जा रहा था। जैसे ही मृतक के भाई ने चिता पर रखे शव को मुखाग्नि देने की तैयारी की, तभी ऐसा हुआ कुछ, जो किसी को भी अचंभे में डाल सकता है।
मृतक के शव को सुबह श्मशान घाट लाया गया था और उसे चिता पर रख दिया गया था। मृतक के भाई ने शव के ऊपर लकड़ी रखकर अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू ही की थी कि तभी शव में अचानक हरकत होने लगी। मिट्ठू कुमार ने अपने हाथ-पैर हिलाना शुरू कर दिया और चीखते हुए कहा, “रे भाई, हमरा आग काहे लगाबइसे, हम अभी जिंदा हती, हमरा घरे ले चल।” उसकी आवाज़ सुनकर वहां मौजूद लोग डर के मारे इधर-उधर भाग गए, लेकिन उसके जीवित होने का संकेत पाकर पास आकर उसे चिता से उतारा।
इस स्थिति से हड़बड़ाए परिजनों ने तुरंत एक ओझा को बुलाया, जिसने स्थिति का निरीक्षण कर बताया कि मृतक को “भूइसप्पा” (सांप के जहर का असर) हो गया है और उसे तुरंत इलाज की आवश्यकता है। इसके बाद परिजन उसे पास के प्रभात तारा अस्पताल ले गए। हालांकि, इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
दरअसल, मिट्ठू कुमार की तबीयत 5 नवंबर को अचानक बिगड़ गई थी। उसके हाथ-पैर में झुनझुनी महसूस हो रही थी, जिसके बाद परिजनों ने पहले ओझा से झाड़-फूंक करवाई। जब हालत में सुधार नहीं हुआ, तो 8 नवंबर को उसे श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH) में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे जॉन्डिस से पीड़ित बताया। इसके बाद एक बिचौलिये के कहने पर परिजनों ने उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया, जहां इलाज के बाद रविवार को उसे मृत घोषित कर दिया गया।
अस्पताल द्वारा मृत घोषित किए जाने के बाद, श्मशान घाट पर उसके शरीर में हरकत होना एक अनोखी घटना थी। इसका कारण ओझा के अनुसार “भूइसप्पा” था, जो सांप के जहर का असर बताया गया। मिट्ठू की तबीयत बिगड़ने पर पहले झाड़-फूंक कराई गई, जिससे इलाज में देरी हुई। बाद में विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराने के बावजूद उसकी स्थिति नहीं सुधरी, और आखिरकार उसे मृत घोषित कर दिया गया।
परिजनों का कहना है कि सही इलाज न मिलने की वजह से उनकी जान चली गई। निजी अस्पताल में भर्ती के बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया, जबकि बाद में चिता पर हरकत करना यह बताता है कि शायद उसकी हालत अभी भी स्थिर नहीं थी।
यह घटना एक असामान्य घटना है जो ग्रामीण क्षेत्रों में इलाज के प्रति अज्ञानता और पारंपरिक झाड़-फूंक में विश्वास को उजागर करती है। समय पर सही चिकित्सा न मिल पाने से मिट्ठू की जान चली गई। यह घटनाक्रम ध्यान दिलाता है कि बीमारी के सही निदान और तुरंत मेडिकल इलाज कितने महत्वपूर्ण हैं।
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