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India News (इंडिया न्यूज), Panipuri Vendor Gets GST Notice: हाल ही में सोशल मीडिया पर एक हैरान करने वाली खबर वायरल हो रही है, जिसमें बताया गया है कि कुछ पानीपुरी विक्रेताओं को जीएसटी नोटिस प्राप्त हुए हैं, क्योंकि उनकी ऑनलाइन भुगतान प्लेटफार्मों जैसे RazorPay और PhonePe के माध्यम से लेन-देन 40 लाख रुपये से अधिक हो गए हैं। लेकिन यह खबर इस नोटिस से कहीं ज्यादा सोशल मीडिया पर वायरल हो रही प्रतिक्रियाओं के कारण सुर्खियों में है!
इस खबर पर सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने तरह-तरह के मजेदार कमेंट्स किए। एक उपयोगकर्ता ने लिखा, “अब उसे पूंजी बाजार में एंट्री करना चाहिए: PP Waterballs,” जबकि एक और उपयोगकर्ता ने चुटकी लेते हुए कहा, “लंदन में निर्यात के बेहतरीन मौके हैं!” कुछ उपयोगकर्ताओं ने तो “विदेशी साझेदारी” और “80% निर्यात यूनिट” जैसे मजेदार सुझाव भी दिए।
भारत में, आमतौर पर सड़क विक्रेता जीएसटी या आयकर का भुगतान करने से मुक्त होते हैं, क्योंकि उनकी कारोबारी गतिविधियां छोटे पैमाने पर होती हैं।
ज्यादातर सड़क विक्रेता छोटे लाभ पर काम करते हैं और ये सीमाएं उनके कारोबार के दायरे में नहीं आतीं। यदि वे नकद में भुगतान प्राप्त करते हैं, तो वे और भी आसानी से कर के दायरे से बाहर रह सकते हैं।
अब डिजिटल भुगतान के बढ़ते चलन ने इन विक्रेताओं को चर्चा में ला दिया है। ग्राहक अक्सर डिजिटल प्लेटफार्मों के माध्यम से भुगतान करना पसंद करते हैं, जिससे विक्रेताओं की लेन-देन राशि बढ़ गई है। यह स्थिति सवाल उठाती है कि क्या छोटे विक्रेता अब टैक्स के दायरे में आएंगे।
इस पूरी स्थिति में सोशल मीडिया पर हलचल मच गई है। एक उपयोगकर्ता ने मजाकिया अंदाज में कहा, “अब तो करियर बदलने का वक्त आ गया है!” जबकि दूसरे ने चुटकी लेते हुए कहा, “पानीपुरी अब ‘बॉलीवुड ब्रांड’ बनने के लिए तैयार है।”
इन मजाकिया प्रतिक्रियाओं के बावजूद यह मामला टैक्स नियमों और डिजिटल लेन-देन के प्रभाव पर गंभीर सवाल उठाता है। बढ़ते डिजिटल लेन-देन ने पारंपरिक छोटे व्यवसायों को बदलने पर मजबूर कर दिया है और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस दिशा में क्या कदम उठाती है।
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