Pegasus Spyware Kya hai
पेगासस स्पाइवेयर को लेकर पूरे देश में हल्ला मचा हुआ है। सभी जानना चाहते हैं कि आखिर पेगासस है क्या? आज हम आपको बताएंगे कि आखिर ये क्या है और कैसे काम करता है? वहीं पेगासस को बनाने वाली कंपनी का कहना है कि वो किसी निजी कंपनी को यह सॉफ्टवेयर नहीं बेचती है, बल्कि इसे केवल सरकार और सरकारी एजेंसियों को ही इस्तेमाल के लिए देती है। आइए जानते हैं भारत में इसके नाम पर क्यों इतना बवाल हो रहा है?
पेगासस एक स्पाइवेयर है। आसान भाषा में आपको बताएं तो यह जासूसी करने में इस्तेमाल होने वाला साफ्टवेयर है। इसके जरिए फोन को हैक करके अपने कंट्रोल में किया जा सकता है। इसका दुर्पयोग हो सकता है।
आपको बता दें कि स्पाइवेयर पेगासस से मोबाइल हैक करने के बाद फोन का कैमरा, माइक, मैसेजेस और कॉल्स समेत तमाम जानकारी हैकर के पास चली जाती है। इस स्पाइवेयर को इजराइली कंपनी NSO ग्रुप ने बनाया है।
किसी डिवाइस में पेगासस को इंस्टॉल करने के लिए हैकर अलग-अलग तरीके अपनाते हैं। एक तरीका ये है कि टारगेट डिवाइस पर मैसेज के जरिए एक एक्सप्लॉइट लिंक भेजा जाता है। जैसे ही यूजर इस लिंक पर क्लिक करता है, पेगासस फोन में इंस्टॉल हो जाता है।
2019 में जब वॉट्सऐप के जरिए डिवाइसेस में पेगासस इंस्टॉल किया गया था तब हैकर्स ने अलग तरीका अपनाया था। उस समय हैकर्स ने वॉट्सऐप के वीडियो कॉल फीचर में एक कमी (बग) का फायदा उठाया था। हैकर्स ने फर्जी वॉट्सऐप अकाउंट के जरिए टारगेट फोन पर वीडियो कॉल किए थे। इसी दौरान एक कोड के जरिए पेगासस को फोन में इंस्टॉल कर दिया गया था।
वर्ष 2016 में पेगासस सबसे पहले चर्चा में आया था। एक मानवाधिकार कार्यकर्ता अहमद मंसूर को अनजान नंबर से कई एसएमएस मिले थे। इन एसएमएस से लिंक भेजे गए थे। जब अहमद को संदेह हुआ तो उन्होंने साइबर एक्सपर्ट्स से इन मैसेजेस की जांच करवाई। जांच में पता चला कि अहमद अगर मैसेज में भेजे लिंक पर क्लिक करते तो उनके फोन में पेगासस डाउनलोड हो जाता।
वर्ष 2018 में भी यह चर्चा में आया था जब सऊदी अरब के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या हो गई थी। इस हत्याकांड की जांच में भी पेगासस का नाम सामने आया था। जांच एजेंसियों ने शक जताया था कि जमाल खशोगी की हत्या से पहले उनकी जासूसी की गई थी।
2019 में एक बार फिर पेगासस चर्चा में आया। उस वक्त वॉट्सऐप ने कहा था कि पेगासस के जरिए करीब 1400 पत्रकारों और मानव अधिकार कार्यकतार्ओं की जानकारी हैक की गई है।
अगर एक बार पेगासस स्पाइवेयर आपके फोन में इंस्टाल हो गया तो समझिए कि आपकी तो लग गई। इंस्टॉल होने के बाद पेगासस को हैकर कमांड एंड कंट्रोल सर्वर से इंस्ट्रक्शन दे सकता है।
आपके पासवर्ड, कॉन्टैक्ट नंबर, लोकेशन, कॉल्स और मैसेजेस को भी रिकॉर्ड कर कंट्रोल सर्वर पर भेजे जा सकते हैं।
पेगासस आपके फोन का कैमरा और माइक भी अपने आप चालू कर सकता है। आपकी रियल टाइम लोकेशन भी हैकर को पता चलती रहेगी।
साथ ही आपके ई-मेल, रटर, नेटवर्क डिटेल्स, डिवाइस सेटिंग, ब्राउजिंग हिस्ट्री की जानकारी भी हैकर को होती है।
पेगासस की खासियत ये है कि अगर ये आपके फोन में इंस्ट्राल हो गया तो आपको पता ही नहीं चलेगा कि आपका फोन हैक हो चुका है। क्योंकि यह किसी प्रकार के संदेह आदि ही नहीं छोड़ता है।
पेगासस कम बैंडविड्थ पर भी काम कर सकता है। साथ ही फोन की बैटरी, मेमोरी और डेटा का भी कम इस्तेमाल करता है, जिससे कि फोन हैक होने पर किसी तरह का शक न हो।
इसकी खासियत ये है कि फोन लॉक होने पर भी पेगासस अपना काम करता रहता है।
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