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जर्मनी की बुध बाजार में बिक रहा था 150-180 साल पुराना हिंदू दस्तावेज, जब शख्स ने खरीदकर इंटरनेट पर अपलोड किया तो सच्चाई जानकर फटी रह गई आंखें

BY: Sohail Rahman • LAST UPDATED : November 12, 2024, 10:14 pm IST
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जर्मनी की बुध बाजार में बिक रहा था 150-180 साल पुराना हिंदू दस्तावेज, जब शख्स ने खरीदकर इंटरनेट पर अपलोड किया तो सच्चाई जानकर फटी रह गई आंखें

Trending News(जर्मनी के बाजार में बिक रहा था हिंदू दस्तावेज)

India News (इंडिया न्यूज), Trending News: जब आप किसी खुले बाजार में जाते हैं, तो आपको कई तरह की चीजें मिलती हैं। ऐसे बाजार सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया के अलग-अलग देशों के छोटे-बड़े शहरों में भी लगते हैं। यहां आपको घर का छोटा-मोटा सामान और कई बार कुछ जरूरी चीजें मिल जाती हैं, जिनके बारे में बेचने वाले को भी पता नहीं होता। कुछ ऐसा ही हुआ जर्मनी में रहने वाले एक शख्स के साथ। दरअसल, वह शख्स जर्मनी के हैम्बर्ग में खुले बाजार में गया था। वही बाजार जिसे हम बुध, शनि, सोम और मंगल बाजार के नाम से जानते हैं। उसे यहां एक हिंदू दस्तावेज मिला, जिसे वह पहचान तो नहीं पाया, लेकिन उसे यह रहस्यमय लगा। शख्स ने इसकी पहचान के लिए इसकी फोटो इंटरनेट पर डाली, तभी दस्तावेज की सच्चाई सामने आ सकी।

जर्मनी के बाजार में बिक रहा था हिंदू दस्तावेज

जर्मनी के एक शख्स ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म रेडिट पर बताया कि उसे हैम्बर्ग के खुले बाजार में एक रहस्यमयी दस्तावेज मिला है। इस पर देवनागरी या संस्कृत में कुछ लिखा हुआ है। उसने दो पुराने और पीले पड़ चुके पन्नों की तस्वीर शेयर की और लिखा कि क्या कोई इसे पहचान सकता है? उसने खास तौर पर भारतीय यूजर्स को संबोधित करते हुए कहा कि क्या आप इसे देखकर बता सकते हैं कि यह क्या है?

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भारत के लोगों ने तुरंत पहचान लिया

भारतीय रेडिट यूजर्स ने जैसे ही इस दस्तावेज को देखा, उन्होंने पहचान लिया कि यह कुछ और नहीं बल्कि हिंदू पंचांग है। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी बताया कि पंचांग वाराणसी के भार्गव प्रेस से छपा है, जिसे पंडित नवल किशोर भार्गव चलाते थे। यह कम से कम 150-180 साल पुराना है। एक यूजर ने तो यहां तक ​​बताया कि वह उनके पूर्वज हैं। इतनी जानकारी मिलने के बाद जर्मन शख्स ने लोगों का शुक्रिया अदा किया और पूछा कि क्या यह महंगा है? लोगों ने बताया कि यह महंगा तो नहीं है लेकिन जरूरी जरूर है।

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