होम / Personal Finance: क्या कम उम्र में हेल्थ बीमा लेना है सही ? यंग एज में बीमा लेते वक्त किन बातों का रखें ध्यान ?

Personal Finance: क्या कम उम्र में हेल्थ बीमा लेना है सही ? यंग एज में बीमा लेते वक्त किन बातों का रखें ध्यान ?

Gaurav Kumar • LAST UPDATED : March 18, 2023, 2:45 pm IST

बिज़नेस डेस्क/नई दिल्ली (Personal Finance: Buying a policy when you are young will enable you to skip the mandatory waiting peroid): राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के अनुसार, भारत को 30 वर्ष से कम आयु की 52 प्रतिशत से अधिक आबादी के साथ दुनिया में सबसे युवा जनसांख्यिकीय देशों में से एक माना जाता है। भारत सहित दुनिया भर में आज कल हर व्यक्ति अपने आप को स्वस्थ्य रखने के लिए मेहनत कर रहा है। लेकिन इंसानी शरीर एक ऐसा मशीन है जिसका कितना भी रख रखाव कर लो कभी न कभी किसी न किसी उम्र में तबयत खराब होगी ही। युवा पीढ़ी आज कल स्मार्ट होने के साथ-साथ जागरुक और खुद का ख्याल रखना भी जानती है। खास कर कोरोना के बाद तो हर कोई खुद की सेहत का ख्याल रखने लगा है। पर्सनल फाइनेंस में आज हम आपको बताएंगें की क्या यंग एज में युवाओं को हेल्थ बीमा लेना चाहिए ? और अगर हां तो हेल्थ बीमा लेते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

  • कम उम्र में स्वास्थ्य बीमा लेना सही ?
  • किन बातों का रखें ध्यान

कम उम्र में स्वास्थ्य बीमा लेना सही ?

हम सभी जानते हैं कि युवाओं को कम बीमारियां होती है, और अगर भगवान ना करे कभी कोई बीमारी हो भी गई तो युवाओं में रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा होने की वजह से वो जल्द ठीक भी हो जाते हैं। आज आपने आज कल सुना होगा कि कम उम्र में लोगों को दिल का दौरा पड़ रहा है और उनकी मौत हो जा रही है। पहले डायबीटिज, हाई बीपी, सुगर जैसी गंभीर समस्या पहले सिर्फ बुजुर्गों को होती थी लेकिन आज कल अब यह सामान्य तौर पर युवाओं में भी होने लगी है।

ऐसे में अगर आप युवावस्था में हेल्थ पॉलिसी खरीदते हैं तो आपको पहला फायदा यह मिलेगा कि आप अनिवार्य प्रतीक्षा अवधि से बच सकते है जो कुछ योजनाओं में, क्लेम फाइल करने से पहले कुछ महीनों से लेकर सालों तक का हो सकता है। युवावस्था में स्वास्थ्य बीमा लेने से कम प्रीमियम में ज्यादा कवरेज मिल जाएगा क्योंकि आप ज्यादा रोग प्रतिरोधक और कम रिक्स वाले कैटेगरि में शामिल हैं। इसलिए, लोग युवावस्था में स्वास्थ्य पॉलिसी खरीदने की सिफारिश करते है क्योंकि कम प्रीमियम में आप ज्यादा लाभ उठा सकते हैं।

किन बातों का रखें ध्यान

  1. ओपीडी कवरेज (OPD coverage): बीमा योजना में ओपीडी कवरेज होने से साल भर इन सभी खर्चों को आसानी से कवर करने में मदद मिलती है।
  2. असीमित बहाली लाभ (Unlimited restoration benefit): यह पॉलिसीधारक को आधार राशि तक बीमित राशि को पूरी तरह से फिर से भरने का विकल्प प्रदान करता है। इसका उपयोग पॉलिसी अवधि के दौरान और असंबंधित स्थिति की स्थिति में भी अनिश्चित काल तक किया जा सकता है।
  3. मातृत्व व्यय (Maternity expenses): युवा जोड़ों के लिए, मातृत्व लाभ का समावेश – सामान्य और सी-सेक्शन डिलीवरी के लिए कवरेज, नवजात शिशु के खर्च जैसे टीकाकरण शुल्क, एम्बुलेंस लागत और स्टेम सेल संरक्षण – ध्यान देने योग्य महत्वपूर्ण कारक हैं।

ये भी पढ़ें :-  HDFC: कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा विलय, एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के विलय को एनसीएलटी ने दी मंजूरी

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.