संबंधित खबरें
पाकिस्तानी गेंदबाज ने पहले लिया विकेट और फिर कर दी इस सुपर स्टार की नकल, सेलिब्रेशन का ये Video देख आप भी हो जाएंगे खुश
'रावण आया सोने का हिरण बनके…', केजरीवाल ने ये क्या कह दिया? भरी जनसभा में हो गई बेइज्जती, लोगों ने पूछा- ये कौन सी रामायण पढ़ ली?
दूसरे देश को कैसे और कितनी देर में लगती है Nuclear Attack की भनक? हैरान करके रख देगी यह गजब की तकनीक
सबसे ज्यादा हिंदू आबादी वाले दुनिया के 5 देश, खतरनाक मुस्लिम देश भी शामिल, नाम सुनकर उड़ जाएंगे होश
मुसलमानों के लिए 'हराम' हैं ये '7' चीजें, नफरनामानी करना अल्लाह की नजर में माना जाता है अजीम गुनाह
सीमा हैदर भी फेल, भिखारी को लेकर भागी 6 बच्चों की मां, अजब प्रेम कहानी ने मचाया तहलका
India News (इंडिया न्यूज), Tamil Nadu: तमिलनाडु के कुड्डालोर जिले के पनरुति के पास स्थित एक प्राचीन मंदिर में एक छिपे हुए कमरे का पता चला है। श्री सोक्कनाथर और श्री वेंगतेश्वर पेरुमल मंदिर में चल रहे जीर्णोद्धार कार्य के दौरान इस रहस्यमय कमरे की खोज हुई, जिसने स्थानीय निवासियों और मंदिर से जुड़े अधिकारियों को चकित कर दिया है। करीब 1,000 साल पुराने इस मंदिर में छुपे हुए कमरे की यह खोज भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और इतिहास की झलक प्रस्तुत करती है।
न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, यह खोज मंदिर के कुंभाभिषेकम की तैयारी के दौरान हुई, जिसमें मंदिर की पुनर्स्थापना के हिस्से के रूप में पत्थर बिछाए जा रहे थे। जब श्रमिक सुब्रमण्यर सनाथी क्षेत्र में कार्य कर रहे थे, तो अचानक उन्होंने भूमि में एक छिपे हुए चैंबर की ओर संकेत करने वाले संकेत देखे। श्रमिकों ने तुरंत अधिकारियों को सतर्क किया, और पुरातत्व एवं हिंदू धार्मिक धर्मार्थ बंदोबस्ती (एचआर एंड सीई) विभाग ने इस चैंबर का निरीक्षण करने का निर्णय लिया।
छानबीन के लिए अधिकारियों ने हाई-बीम रोशनी और कैमरों का उपयोग किया। कमरा 11 फीट लंबा, 6 फीट चौड़ा और 5 फीट ऊँचा था। हालांकि, अंदर किसी प्रकार की मूर्ति, खजाना, या अन्य वस्तु नहीं मिली। एक अधिकारी के अनुसार, “कमरे की दीवारें जलोढ़ मिट्टी से बनी हुई थीं, लेकिन कमरे के अंदर कोई वस्तु नहीं मिली।” अधिकारियों ने श्रमिकों को निर्देश दिया कि वे कमरे को दोबारा सील कर दें और नवीकरण कार्य को जारी रखें।
एचआर एंड सीई विभाग के सूत्रों के अनुसार, इस भूमिगत कमरे का उपयोग मंदिर की मूर्तियों और अन्य कीमती वस्तुओं को छिपाने के लिए किया जाता होगा। यह कमरा शायद तत्कालीन समय में संभावित हमलों या आपदाओं से महत्वपूर्ण वस्तुओं की रक्षा के लिए बनाया गया था। स्थानीय निवासियों का भी कहना है कि कुड्डालोर जिले के इसी गाँव में कुछ साल पहले अंदावर मंदिर में इसी तरह का एक भूमिगत कक्ष मिला था, जिसमें कई प्राचीन मूर्तियाँ, पंचलोहा मूर्तियाँ और एक पन्ना लिंगम मिला था।
तमिलनाडु के विभिन्न मंदिरों में भूमिगत कक्षों की खोज का इतिहास पहले भी देखा गया है। ये कक्ष प्राचीन भारतीय वास्तुकला और निर्माण के अद्भुत नमूने हैं, जो उस युग में लोगों की सुरक्षा और प्राचीन संपत्ति के संरक्षण के प्रति सजगता को दर्शाते हैं। प्राचीन समय में आक्रमण और लूटपाट के दौरान इन कक्षों का उपयोग मंदिरों की संपत्ति और धार्मिक प्रतीकों की सुरक्षा के लिए होता था।
भारत के मंदिर सदियों पुराने इतिहास के संरक्षक हैं। यहां समय-समय पर ऐसे छिपे हुए कमरे और भूमिगत कक्ष मिलते रहते हैं जो इतिहास और संस्कृति की अमूल्य धरोहरों को समेटे हुए हैं। भूमिगत कक्षों का निर्माण एक बहुत ही अनोखी परंपरा रही है, जो न केवल उस काल के निर्माण कौशल को दिखाती है बल्कि उनके धार्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व को भी उजागर करती है।
तमिलनाडु का यह नवीनतम खोज भारत की ऐतिहासिक संपदाओं के संरक्षण और उनकी पुनर्स्थापना की आवश्यकता को भी दर्शाती है। यह हमें बताती है कि देश की सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक स्थलों में अभी भी ऐसे अनदेखे कोने छिपे हैं जो इतिहास की अनमोल गाथाओं को अपने में समेटे हुए हैं।
कुड्डालोर जिले के इस 1,000 साल पुराने मंदिर में मिले छिपे कमरे ने सभी का ध्यान आकर्षित किया है और यह भारतीय धरोहर के प्रति जागरूकता को और बढ़ावा देता है। यह घटना भारतीय पुरातत्व के महत्व और देश की सांस्कृतिक संपदा के संरक्षण की आवश्यकता पर जोर देती है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.