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India News,(इंडिया न्यूज), Right to Education, नई दिल्ली: हमारे देश में हर किसी को शिक्षा का अधिकार है. हर बच्चे की चाहत होती है कि वह शिक्षा ग्रहण कर सके. कई बार बच्चों को शिक्षा पाने के लिए कभी गरीबी से, तो कभी अपने परिवार से लड़ना भी पड़ता है, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे राज्य के बारे में बताने जा रही हैं, जहां बच्चे खुद पढ़ाई छोड़ देते हैं. वो छात्र हर लेवल के होते हैं जैसे प्राइमरी, सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी.
हाल ही में शिक्षा मंत्रालय ने राज्यसभा में जब इस संबंध में डाटा शेयर किया. जिसके पता चला कि उड़ीसा राज्य में सबसे ज्यादा ड्रॉपआउट स्टूडेंट्स हैं. यहां पर ये रेशियो सेकेंडरी लेवल पर सबसे अधिक है. इस लिस्ट में उड़ीसा के बाद नाम आता है मेघालय का फिर तीसरे नंबर पर बिहार और आखिर में असम.
स्कूल छोड़ने के मामले में पहले स्थान पर आता है उड़ीसा. यहां 27.3 प्रतिशत स्टूडेंट्स सेकेंडरी लेवल पर पढ़ाई बीच में ही छोड़ देते हैं.
इसके बाद मेघालय आता है जहां 21.7 परसेंट छात्र स्कूल बीच में ही छोड़ देते हैं. इस लिस्ट में बिहार भी पीछे नहीं हैं. यहां 20.5 परसेंट और असम के 20.3 प्रतिशत स्टूडेंट्स सेकेंडरी लेवल पर ड्रॉपआउट कर देते हैं
जानकारी के लिए आपको बता दें कि ये फिगर मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन द्वारा राज्यसभा में शेयर किया गया. ऐसा तब हुआ जब मंत्रालय ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो और राज्य के मुताबिक ड्रॉप आउट स्टूडेंट्स के बारे में बता रहा था.
इस दौरान एलिमेंट्री, सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी तीनों लेवल पर ड्रॉप आउट स्टूडेंट्स का डाटा शेयर किया गया.
टीओआई की रिपोर्ट की मानें तो सेकेंडरी स्कूल लेवल पर नंबर वन पर है वेस्ट बंगाल 18 प्रतिशत के साथ. अब जान लेते हैं पंजाब की जहां 17.2 प्रतिशत रिकॉर्ड है. इसके बाद गुजरात और आंध्र प्रदेश हैं जिनका ड्रॉप आउट रेट क्रमश: 17.9 और 16.3 परसेंट है.
वहीं प्राइमरी स्कूल लेवल पर मणिपुर का ड्रॉपआउट रेट 13.3 परसेंट है और ये पहले स्थान पर है. इसके बाद मेघालय 9.8 परसेंट के साथ और अरुणाचल प्रदेश है 9.3 परसेंट के साथ.
अपर प्राइमरी लेवल पर सबसे ज्यादा ड्रॉप आउट रेट मेघालय का है 10.6 परसेंट. इसके बाद असम 8.8 परसेंट और आखिर में पंजाब 8 परसेंट.
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