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Tech News: चाइनीज लोन एप्स से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी की कार्रवाई, रेजरपे और फिनटेक फर्मों के खिलाफ दायर की चार्जशीट

Gaurav Kumar • LAST UPDATED : March 17, 2023, 9:32 pm IST

टेक डेस्क/नई दिल्ली (Tech News: ED has accused these apps that these apps have allegedly cheated many people): प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को कहा कि उसने पेमेंट गेटवे रेज़रपे और चीनी नागरिकों द्वारा संचालित तीन फिनटेक कंपनियों और कई एनबीएफसी और कुछ अन्य के खिलाफ चीनी लोन ऐप से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच में चार्जशीट दायर किया है। ईडी ने इन ऐप पर आरोप लगाया है कि इन ऐप ने कथित तौर पर कई लोगों को धोखा दिया है।

  • 7 संस्था और 5 व्यक्ति आरोपी
  • इन फिनटेक फर्म और एनबीएफसी के खिलाफ चार्जशीट दर्ज
  • ऐसे शुरू हुई कार्रवाई

7 संस्था और 5 व्यक्ति आरोपी

ईडी के एक बयान के अनुसार बेंगलुरु स्थित विशेष धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) अदालत ने अभियोजन पक्ष की शिकायत (चार्जशीट) का संज्ञान लिया है। चार्जशीट में कुल सात संस्थाओं और पांच व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया है। एजेंसी ने कहा कि पेमेंट गेटवे रेजरपे सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड को भी चार्जशीट में आरोपी के रूप में नामित किया गया है।

इन फिनटेक फर्म और एनबीएफसी के खिलाफ चार्जशीट दर्ज

मैड एलिफेंट नेटवर्क टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, बैरोनीक्स टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड और क्लाउड एटलस फ्यूचर टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड ये तीनों फिनटेक फर्म चीनी नागरिक द्वारा चलाए जाते हैं जिन्हें ईडी ने आरोपी बनाया है।आरबीआई के साथ पंजीकृत तीन गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) हैं जिनका नाम X10 फाइनेंशियल सर्विसेज  प्राइवेट लिमिटेड, ट्रैक फिन-एड प्राइवेट लिमिटेड और जमनादास मोरारजी फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड है।

ऐसे शुरू हुई कार्रवाई

दरअसल मनी लॉन्ड्रिंग के इस मामले की शुरुआत बेंगलुरु पुलिस सीआईडी ​​की कई एफआईआर से हुई है। कई ग्राहकों ने बेंगलुरु पुलिस सीआईडी के पास शिकायत दर्ज करवाई थी जिन्होंने इन मनी-लेंडिंग कंपनियों से लोन लिया था और उनके रिकवरी एजेंट से “उत्पीड़न” का सामना किया था। सीआईडी ने इन्हीं के कहने पर शिकायत दर्ज कर कार्वाई शुरू कि है।

ईडी के अनुसार, जांच में पाया गया कि फिनटेक कंपनियों का “डिजिटल लोन देने वाले ऐप के माध्यम से लोन के वितरण के लिए संबंधित एनबीएफसी के साथ समझौता” था। ईडी ने इन बैंक अकाउंट और पेमेंट गेटवे में रखे 77.25 करोड़ को जब्त करने के लिए दो प्रोविजनल एटेचमेंट जारी किए थे जिसे बाद में पीएमएलए की न्यायनिर्णयन प्राधिकरण ने भी माना।

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