होम / ट्रेंडिंग न्यूज / पिछले 108 सालों से आग की लपटों में झुलस रहा है ये शहर, धंसती जा रही है जमीन, लोगों का ऐसा है हाल, जानें नाम!

पिछले 108 सालों से आग की लपटों में झुलस रहा है ये शहर, धंसती जा रही है जमीन, लोगों का ऐसा है हाल, जानें नाम!

BY: Yogita Tyagi • LAST UPDATED : January 13, 2025, 5:44 pm IST
ADVERTISEMENT

संबंधित खबरें

पिछले 108 सालों से आग की लपटों में झुलस रहा है ये शहर, धंसती जा रही है जमीन, लोगों का ऐसा है हाल, जानें नाम!

The Burning City of India

India News (इंडिया न्यूज), The Burning City of India: भारत के झारखंड राज्य में स्थित धनबाद का झरिया क्षेत्र न केवल कोयला खनन के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि एक गंभीर पर्यावरणीय संकट का भी गवाह बना हुआ है। झरिया की कोयला खदानों में लगी आग पिछले 108 सालों से बुझने का नाम नहीं ले रही है। इस आग ने क्षेत्र के पर्यावरण, अर्थव्यवस्था और यहां रहने वाले लोगों के जीवन को पूरी तरह से प्रभावित कर दिया है।

आग का कारण

झरिया की खदानों में आग की शुरुआत 1916 के आसपास हुई थी। यह आग स्वाभाविक रूप से नहीं लगी थी, बल्कि अवैज्ञानिक और असुरक्षित खनन प्रक्रियाओं के कारण हुई थी। जब खनन कार्य के दौरान खदानें खुली छोड़ दी जातीं, तो वहां का कोयला हवा के संपर्क में आकर ऑक्सीडाइज होकर जलने लगता था। धीरे-धीरे यह आग अंडरग्राउंड खदानों में फैल गई और अब यह आग सैकड़ों किलोमीटर तक फैल चुकी है।

95 लाख की ठगी को अंजाम देने वाला नटवरलाल गिरफ्तार, 6 उद्योगपतियों को लगा चुका है चूना

स्थानीय जीवन पर असर

इस आग के कारण झरिया की जमीन अस्थिर हो गई है, जिससे कई स्थानों पर भूस्खलन और जमीन धंसने की घटनाएं हो रही हैं। परिणामस्वरूप, स्थानीय निवासियों को अपने घर छोड़ने की मजबूरी उत्पन्न हो रही है। घर, सड़कें और इमारतें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। साथ ही, यहां की हवा में मौजूद जहरीली गैसों और धुएं ने स्थानीय लोगों की सेहत पर गंभीर असर डाला है। अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और फेफड़ों के संक्रमण जैसी बीमारियां यहां के आम लोगों में तेजी से फैल रही हैं। यह सब झरिया में हर दिन बढ़ती हुई जीवन रेखा के संकट को और बढ़ा रहा है।

तापमान में असहनीय वृद्धि

झरिया में लगातार जलने वाले कोयले के कारण तापमान में भी असहनीय वृद्धि हो गई है। जमीन के नीचे जल रहे कोयले के कारण झरिया का तापमान इतना बढ़ चुका है कि वहां रहना मुश्किल हो गया है। कई जगहों पर जमीन से धुआं और लावा जैसी गर्मी बाहर निकलने लगी है, जो पर्यावरण के लिए और भी अधिक खतरे की घंटी साबित हो रही है।

स्थानीय निवासियों का डर

झरिया के निवासी हर समय इस भय में जी रहे हैं कि कहीं उनका घर या आसपास की जमीन अचानक धंस न जाए। यह भय तब और गहरा जाता है जब लोग जमीन में हो रही दरारों और वहां से निकलने वाली जहरीली गैसों को देखते हैं। ये दरारें आग को और बढ़ावा देती हैं, जिससे स्थिति और अधिक विकट हो रही है।

सरकार कर रही आग बुझाने का प्रयास

झरिया की आग को बुझाने के लिए सरकार द्वारा कई प्रयास किए गए हैं, लेकिन अब तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है। झरिया पुनर्वास योजना के तहत सरकार ने कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने की कोशिश की है। इसके अलावा, आग को नियंत्रित करने के लिए फायर ब्रिगेड और इंजीनियरिंग टीमों को तैनात किया गया है। हालांकि, अंडरग्राउंड आग इतनी गहरी फैल चुकी है कि इसे पूरी तरह से बुझाना अभी तक असंभव साबित हुआ है। सरकार ने कोल्ड फायर इंजेक्शन और मिट्टी डालकर आग को कवर करने जैसी आधुनिक तकनीकों का भी इस्तेमाल किया है, लेकिन इन उपायों से भी कोई ठोस परिणाम नहीं मिल पाए हैं।

कैसा होगा भविष्य?

अगर झरिया की आग को जल्दी बुझाया नहीं गया, तो यह क्षेत्र और भी अधिक खतरनाक हो सकता है। यहां के कोयला भंडारों को बचाने और स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक ठोस और दीर्घकालिक योजना की आवश्यकता है। इस दिशा में सरकारी और सामूहिक प्रयासों का होना अत्यंत महत्वपूर्ण है, ताकि झरिया का भविष्य सुरक्षित और जीवनदायिनी बने।

MahaKumbh 2025: जानें का कर रहे हैं प्लान तो इन बातों का रखें खास ख्याल, वरना… चूकानी पड़ सकती है भारी किमत

Tags:

The Burning City of India

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT