India News (इंडिया न्यूज़), Vivek Ranjan Agnihotri, मुंबई: हाल ही में फिल्मफेयर अवार्ड से कई सितारों को अवॉर्ड्स दिए गए हैं। जिसमें सबसे ज्यादा चर्चा में बनी हुई फिल्म कश्मीर फाइल्स को भी कई अवॉर्ड्स के लिए नॉमिनेट किया गया था। जिसके जानकारी मिलने के बाद फिल्म के डायरेक्टर विवेक रंजन अग्निहोत्री (Vivek Ranjan Agnihotri) ने किसी भी तरह के अवार्ड को लेने से साफ इनकार कर दिया है। उनको हाल ही में फिल्मफेयर में 7 कैटेगरी में नॉमिनेट किया गया था। जब यह बात विवेक अग्निहोत्री को पता चली तो उन्होंने कहा कि वह ऐसे अनएथिकल और एंटी-सिनेमा अवॉर्ड का समर्थन नहीं करते, जो बड़े नाम में ही विश्वास रखते हैं।

सोशल मीडिया के जरिए फिल्मफेयर को अवार्ड के लिए कहीं ना

अग्निहोत्री ने अपने सोशल मीडिया के जरिए पोस्ट साझा की जिसके अंदर उन्होंने लिख के साथ 2 तस्वीरें साझा की, जिसके अंदर उन्होंने बताया कि क्यों उन्हें फिल्मफेयर अवार्ड नही चाहिए। इसके साथ ही उनके द्वारा डाली गई पोस्ट में दा कश्मीर फाइल के नॉमिनेशन की तस्वीरों को भी साझा किया, उन्होंने साफ किया कि वह किसी भी तरीके के अवॉर्ड फिल्मफेयर द्वारा नहीं लाना चाहते हैं

विवेक ने पोस्ट में कहीं यह बात

विवेक ने फिल्मफेयर अवॉर्ड्स के लिए काफी लंबा-चौड़ा चिट्ठा तैयार किया, जिसमें उन्होंने एक एक बात को स्पष्टता तरिके से बताया, विवेक ने लिखा:-
घोषणा:
फिल्मफेयर अवार्ड्स

Vivek Ranjan Agnihotri PC- Social Media

मुझे मीडिया से पता चला कि #TheKashmirFiles को 68वें फिल्मफेयर अवॉर्ड्स के लिए 7 कैटेगरी में नॉमिनेट किया गया है। लेकिन मैं विनम्रतापूर्वक इन अनैतिक और सिनेमा विरोधी पुरस्कारों का हिस्सा बनने से इनकार करता हूं। यहाँ क्यों है: फिल्मफेयर के मुताबिक स्टार्स के अलावा किसी का कोई चेहरा नहीं है। कोई मायने नहीं रखता। इसलिए फिल्मफेयर की चापलूस और अनैतिक दुनिया में संजय भंसाली या सूरज बड़जात्या जैसे मास्टर निर्देशकों का कोई चेहरा नहीं है। संजय भंसाली आलिया भट्ट की तरह दिखते हैं, सूरज मिस्टर बच्चन की तरह और अनीस बज्मी कार्तिक आर्यन की तरह। ऐसा नहीं है कि एक फिल्म निर्माता की गरिमा फिल्मफेयर पुरस्कारों से आती है लेकिन इस अपमानजनक व्यवस्था को समाप्त होना चाहिए।

Vivek Ranjan Agnihotri PC- Social Media

इसलिए, बॉलीवुड के एक भ्रष्ट, अनैतिक और चापलूस प्रतिष्ठान के खिलाफ मेरे विरोध और असहमति के रूप में, मैंने ऐसे पुरस्कारों को स्वीकार नहीं करने का फैसला किया है। मैं किसी भी दमनकारी और भ्रष्ट प्रणाली या पुरस्कारों का हिस्सा बनने से इनकार करता हूं जो लेखकों, निर्देशकों और फिल्म के अन्य एचओडी और चालक दल के सदस्यों को सितारों के नीचे और/या गुलामों के रूप में मानते हैं।
जीतने वाले सभी लोगों को मेरी बधाई और जो नहीं जीत पाते उन्हें और भी बहुत कुछ।
उज्जवल पक्ष यह है कि मैं अकेला नहीं हूँ। धीरे-धीरे लेकिन लगातार, एक समानांतर हिंदी फिल्म उद्योग उभर रहा है। तब तक…

Vivek Ranjan Agnihotri PC- Social Media

सिर्फ आरोप लगाना मेरा मकसद नहीं,
मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदली जाए।

मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही,
कहीं भी आग लग सकती है, लेकिन आग जलनी चाहिए।
– दुष्यंत कुमार

#HumDekhenge

 

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