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India News (इंडिया न्यूज),Jhansi Medical College fire case: झांसी मेडिकल कॉलेज एनआईसीयू अग्निकांड में बड़ी कार्रवाई हुई है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. नरेंद्र सिंह सेंगर को उनके पद से हटा दिया गया है। कॉलेज के जेई, एनआईसीयू की सिस्टर इंचार्ज और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को निलंबित कर दिया गया है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के आदेश पर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य और तीन अन्य के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
दरअसल, 15 नवंबर की रात हुए इस अग्निकांड में 10 मासूम बच्चों की जान चली गई थी। एनआईसीयू अग्निकांड से बचाए गए बच्चों में से अब तक आठ की मौत हो चुकी है। हालांकि मेडिकल प्रशासन का दावा है कि इन आठ बच्चों की मौत बीमारी के कारण हुई है। उनका अग्निकांड से कोई लेना-देना नहीं है। बचाए गए बच्चों में से दो बच्चों का अभी भी निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। अन्य को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के निर्देश पर गठित चार सदस्यीय कमेटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की गई है। हटाए गए प्राचार्य को चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशालय से संबद्ध कर दिया गया है। साथ ही मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सचिन माहुर को चार्जशीट दी गई है। वहीं, कॉलेज के अवर अभियंता (विद्युत) संजीत कुमार, एनआईसीयू वार्ड की प्रभारी नर्सिंग सिस्टर संध्या राय और मेडिकल कॉलेज की प्रमुख अधीक्षक डॉ. सुनीता राठौर को तत्काल निलंबित कर चार्जशीट दी गई है।
मेडिकल कॉलेज में लगी आग में अब तक 18 बच्चों की मौत के बाद डीएम ने पूरे मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। एडीएम वरुण पांडे का कहना है कि आग में 10 बच्चों की दर्दनाक मौत के बाद सभी को मुआवजा देने की प्रक्रिया चल रही है और बचाए गए बच्चों का ख्याल रखा जा रहा है। जल्द ही एक टीम गठित कर पूरे मामले की मजिस्ट्रियल जांच कराई जाएगी।
15 नवंबर की रात मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में लगी भीषण आग में दस नवजात जिंदा जल गए थे। उस समय एनआईसीयू में 49 नवजात भर्ती थे, जिनमें से 39 को बचा लिया गया। इलाज के दौरान लगातार नवजातों की मौत हो रही है। सोमवार रात 18वें नवजात की मौत हो गई। यह नवजात नवाबाद थाना क्षेत्र के राजपूत कॉलोनी निवासी सुरक्षा थी। डॉक्टरों के मुताबिक बच्चा हृदय रोग से पीड़ित था।
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