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DSP Ziaul Haq murder Case: जियाउल हक हत्याकांड में सजा का ऐलान, पूरी जिंदगी जेल में रहेंगे सभी दोषी

BY: Ashish kumar Rai • LAST UPDATED : October 9, 2024, 7:46 pm IST
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DSP Ziaul Haq murder Case: जियाउल हक हत्याकांड में सजा का ऐलान, पूरी जिंदगी जेल में रहेंगे सभी दोषी

DSP Ziaul Haq murder Case: जियाउल हक हत्याकांड में सभी दोषियों को उम्रकैद

India News UP(इंडिया न्यूज),DSP Ziaul Haq murder Case: सीओ कुंडा जिया-उल-हक की हत्या के दस आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। सीबीआई की विशेष अदालत लखनऊ ने बुधवार को यह फैसला सुनाया। यह दिल दहला देने वाला हत्याकांड 2 मार्च 2013 को हुआ था, जब तत्कालीन सीओ कुंडा जिया-उल-हक की लाठी-डंडों से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी और फिर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में रघुराज प्रताप सिंह उर्फ ​​राजा भैया को भी आरोपी बनाया गया था, हालांकि उन्हें पहले ही क्लीन चिट मिल चुकी है।

लखनऊ की विशेष सीबीआई अदालत ने बुधवार को डीएसपी जिया मामले में फूलचंद यादव, पवन यादव, मंजीत यादव, घनश्याम सरोज, राम लखन गौतम, छोटेलाल यादव, राम आसरे, मुन्ना पटेल, शिवराम पासी, जगत बहादुर पाल उर्फ ​​बुल्ले पाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। -उल-हक हत्याकांड. इस मामले में रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया और उनके करीबी ग्राम प्रधान गुलशन यादव को पहले ही क्लीन चिट मिल चुकी है। सभी 10 दोषियों पर 15-15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इसमें से आधी रकम जिया-उल-हक की पत्नी को दी जाएगी।

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सीओ जियाउल हक की हत्या कैसे हुई?

प्रतापगढ़ के कुंडा बलीपुर गांव में 2 मार्च 2013 को तत्कालीन प्रधान नन्हे यादव की हत्या कर दी गई थी। उन्हें बाइक सवार दो बदमाशों ने गोली मार दी थी।इस घटना के बाद नन्हे के समर्थक असलहों के साथ बलीपुर गांव पहुंचे और उसी गांव के कामता पाल के घर में आग लगा दी। तत्कालीन कुंडा कोतवाल जब अपनी टीम के साथ नन्हे के घर की तरफ जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाए तो तत्कालीन सीओ जियाउल हक उस तरफ बढ़ गए। सीओ की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी ग्रामीणों की फायरिंग के डर से छिप गए। सीओ जब ग्रामीणों के बीच पहुंचे तो उन्हें घेर लिया गया। इसी बीच गोली लगने से नन्हे यादव के छोटे भाई सुरेश की मौत हो गई। इसके बाद ग्रामीणों ने सीओ को घेर लिया और पहले उनकी पिटाई की और फिर गोली मारकर हत्या कर दी।

राजा भैया के खिलाफ भी दर्ज हुई थी एफआईआर

सीओ जिया उल हक की पत्नी परवीन ने 5 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। इनमें तत्कालीन कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ ​​राजा भैया का भी नाम था। इसके अलावा गुलशन यादव, रोहित सिंह संजय और हरिओम श्रीवास्तव को भी आरोपी बनाया गया था। इस मुद्दे पर जब बवाल मचा तो तत्कालीन अखिलेश सरकार ने जांच सीबीआई को सौंप दी थी। सीबीआई ने 2013 में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी। इसमें राजा भैया, हरिओम, रोहित, संजय, गुलशन यादव को क्लीन चिट दी गई थी। अन्य आरोपियों के नाम शामिल थे।

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