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त्रिवेणी में हुआ 'प्यार का संगम', विदेशी युवती ने भारतीय लड़के के साथ 7 फेरे लिए, साधु-संत बने बाराती

BY: Ashish kumar Rai • LAST UPDATED : January 27, 2025, 4:19 pm IST
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त्रिवेणी में हुआ 'प्यार का संगम', विदेशी युवती ने भारतीय लड़के के साथ 7 फेरे लिए, साधु-संत बने बाराती

India News (इंडिया न्यूज),Maha Kumbh 2025 : ग्रीस की पेनेलोप और भारत के सिद्धार्थ शिव खन्ना ने प्रयागराज महाकुंभ में विवाह किया। दोनों ने हिंदू रीति-रिवाज से सात फेरे लिए। साधु-संत बाराती बने और जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यतींद्रानंद गिरि ने कन्यादान किया।

26 जनवरी को विवाह के बाद पेनेलोप ने कहा- मुझे एहसास हुआ कि सनातन धर्म ही सुखी जीवन जीने और जन्म-पुनर्जन्म के इस चक्र से परे जाने का एकमात्र तरीका है। मैं इतनी खुश हूं कि इसे बयां नहीं कर सकती। विवाह आध्यात्मिक तरीके से हुआ। मौनी अमावस्या पर संगम में डुबकी लगाऊंगी।

दुल्हन पेनेलोप एथेंस की एक यूनिवर्सिटी से टूरिज्म मैनेजमेंट में ग्रेजुएट हैं। दूल्हा सिद्धार्थ शिव खन्ना कई देशों की यात्रा करते हैं और योग सिखाते हैं। वे नई दिल्ली के वेस्ट पंजाबी बाग के रहने वाले हैं।

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पेनेलोप और सिद्धार्थ की मुलाकात कैसे हुई?

पेनेलोप ने कहा- टूरिज्म मैनेजमेंट में डिग्री लेने के बाद मेरा योग के प्रति झुकाव बढ़ा। मैंने स्थानीय जिम में योग की ट्रेनिंग लेनी शुरू की। इसके बाद 9 साल पहले मैं योग सीखने के लिए थाईलैंड गई। यहीं पर मेरी मुलाकात सिद्धार्थ से हुई। फिर धीरे-धीरे हम करीब आए। फिर हमने शादी करने का फैसला किया।

पेनेलोप ने कहा- शादी दिव्य-आध्यात्मिक तरीके से हुई

पेनेलोप ने कहा- जब सिद्धार्थ ने मुझसे पूछा कि शादी भारत में होनी चाहिए या ग्रीस में, तो मैंने भारत को चुना। कुछ सालों में चीजें बदल गई हैं। आजकल शादियों में शराब पीने का शौक शुरू हो गया है, लेकिन हमारी शादी अलग, दिव्य और आध्यात्मिक तरीके से हुई।

मैंने पहले कभी भारतीय शादी में भाग नहीं लिया था, लेकिन दुल्हन होने के नाते मैंने खुद भारतीय शादी का अनुभव किया। मुझे यह बहुत पसंद आया।

सनातन धर्म ही सुखी जीवन जीने का मार्ग है

पेनेलोप ने कहा- मैं सुखी और अच्छे जीवन के लिए प्रयासरत थी। सबसे पहले मैंने बौद्ध धर्म को अपनाया, फिर मुझे एहसास हुआ कि सनातन धर्म ही सुखी जीवन जीने का मार्ग है। मैं अपने जीवन में जो कुछ भी हुआ, उसके दुख का समाधान खोज रही थी।

जब पेनेलोप से पूछा गया कि क्या वह 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर संगम में स्नान करेंगी, तो उन्होंने कहा- बिल्कुल, मैं जरूर स्नान करूंगी। मुझे बहुत खुशी है कि मैं महाकुंभ की शुरुआत से ही यहां हूं, और मेरी मां भी मेरे साथ हैं।

सिद्धार्थ ने कहा- प्रयागराज इस समय दुनिया की सबसे अच्छी जगह है

सिद्धार्थ ने कहा- मैंने “सबसे प्रामाणिक तरीके” से शादी करने का फैसला किया था। प्रयागराज अपनी दिव्यता के लिए इस समय दुनिया की सबसे अच्छी जगह है। सभी तरह की दिव्यता, तीर्थ स्थल, सब कुछ यहाँ मौजूद है। हम महाराज जी (स्वामी यतीन्द्रानंद गिरि) से मिले। उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। हम दोनों 7 जन्मों के बंधन में बंध गए।

स्वामी यतीन्द्रानंद की शिष्या हैं पेनेलोप

जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी यतीन्द्रानंद गिरि ने कहा- सिद्धार्थ-पेनेलोप पिछले कुछ सालों से सनातन धर्म के अनुयायी हैं। सिद्धार्थ कई जगहों पर योग सिखाते हैं। 26 जनवरी को हमने महाकुंभ के शिविर में भारतीय परंपरा के अनुसार विवाह समारोह संपन्न कराया। ग्रीस की छात्रा पेनेलोप पिछले कुछ सालों से सनातन की परंपराओं का पालन कर रही हैं। वह शिव की भक्त हैं। सिद्धार्थ भी हमारे शिष्य हैं। वह कई देशों में योग सिखाते हैं।

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Maha kumbh 2025

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