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Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, हिंदू पक्ष ने की शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग

Divya Gautam • LAST UPDATED : July 11, 2023, 1:28 pm IST
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Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, हिंदू पक्ष ने की शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग

Gyanvapi Case

India News (इंडिया न्यूज़), Gyanvapi Case: वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग को लेकर 11 जुलाई मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्सीय बेंच बड़ा फैसला सुना सकती है। क्योंकि शिवलिंग की वैज्ञानिक तरीके से जांच कराने के मामले में हिंदू पक्ष ने अपना जवाब सुप्रीम कोर्ट में दर्ज कर दिया है। हिंदू पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट से जवाब में कहा मुस्लिम पक्ष के द्वारा ‘शिवलिंग’ को फव्वारा कहने से लगातार हिंदूओं की आस्था का अपमान किया है, जबकि शिवलिंग न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में सनातनियों के लिए आस्था और पूजा का विषय है। इसलिए उन्हे अपने शिव भगवान की पूजा करने का मौलिक अधिकार है।

विशेषज्ञों से करवाई जाए जांच 

हिंदू पक्ष ने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के विशेषज्ञों से विवादित स्थल के अंदर के हिस्से को निरीक्षण करवाया जाना चाहिए इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट के तीन तीन जजों जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पामिदिघंटम श्री नरसिम्हा और जस्टिस मनोज मिश्र की पीठ सुनवाई होनी है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिए थे कार्बल डेटिंग के आदेश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिवलिंग की कार्बल डेटिंग जांच एएसआई से करवाने के आदेश दिए थे। इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को मुस्लिम पक्ष ने चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और यूपी सरकार से जवाब तलब करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। पांच हिंदू नें शिवलिंग की कार्बन डेंटिंग कराने की मांग की थी, जो कि कोर्ट के आदेश पर कराए गए मस्जिद परिसर के वीडियोग्राफी सर्वेक्षण के दौरान वजू खाना मिला था, जिसका उपयोग मुस्लिम लोग नमाज अदा करे से पहले वजू करने के लिए उपयोग करते है।

क्या होती है कार्बन डेटिंग?

कार्बन डेटिंग किसी भी चीज में मौजूद कार्बनिक पदार्थों की आयु निकालना यह पूरी तरह से विज्ञान पर आधारित होती है। अगर किसी को भी किसी चीज की आयु को लेकर शंका होती है तो फिर इसी के माध्यम से उसकी आयु निर्धारित की जाती है। इससे सिर्फ पत्थर की ही आयु नहीं पता चलती, बल्कि बाल, कंकाल, चमड़ी आदि की भी कार्बन डेटिंग होती है और उससे उनकी भी आयु पता चल जाती है।

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