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India News (इंडिया न्यूज़), Anil Chaudhary, Ghaziabad News: उत्तर प्रदेश के जिला गाजियाबाद में कथित तौर पर छेड़छाड़ की शिकार हुई कुछ छात्राओं ने अपने खून से मुख्यंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। छात्राओं ने चार पन्ने के इस पत्र में बताया है कि प्रिंसिपल किस तरह उनके साथ गलत हरकतें करते हैं। पत्र में पुलिस की कार्यवाही के बारे में बताया है, जिसमें उल्टा शिकायकर्ता छात्राओं को डांटने, धमकाने का आरोप है। इधर, सीएम को लेटर लिखते ही गाजियाबाद पुलिस हरकत में आ गई। वेव सिटी थाना पुलिस ने मंगलवार सुबह प्रिंसिपल राजीव पांडेय को गिरफ्तार कर लिया है।
ये पूरा मामला वेव सिटी थाना क्षेत्र में शाहपुर बम्हैटा गांव स्थित किसान आदर्श हायर सेकेंडरी स्कूल का है। 21 अगस्त को यहां की छात्राओं ने प्रिंसिपल राजीव पांडेय पर अपने रूम में बुलाकर छेड़छाड़ करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। इधर, प्रिंसिपल ने भी कुछ छात्राओं के पेरेंट्स पर ये मुकदमा दर्ज करा दिया कि उन्होंने स्कूल में घुसकर उनका सिर फोड़ दिया। दोनों तरफ से एफआईआर हो चुकी है। छात्राएं और उनके परेंट्स तभी से प्रिंसिपल को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे। इसे लेकर वे पुलिस कमिश्नर से भी मिल चुके हैं। सोमवार को छात्राओं ने अपने खून से एक पत्र उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को लिखकर भेजा है।
‘बाबाजी हम किसान आदर्श हायर सेकेंडरी स्कूल बम्हैटा गांव में पढ़ने वाली लड़कियां हैं। हमारे स्कूल के प्रधानाचार्य राजीव पांडेय रोज किसी न किसी लड़की को अपने ऑफिस में बुलाकर हमरे साथ गलत हरकत करते थे और धमकाते थे कि यदि यह बात किसी को बताई तो हमें बरबाद कर देंगे। उनके डर से ज्यादातर लड़कियां चुप रहती हैं। हमने कुछ लड़कियों ने 21 अगस्त को हिम्मत करके यह बात अपने घर बताई तो हमारे माता-पिता इकट्ठे होकर महिला पार्षद परमोश यादव के साथ स्कूल गए। जहां उन्होंने प्रबंधक से बातचीत की। इससे प्रधानाचार्य नाराज हो गए। उन्होंने सबको गालियां देनी शुरू कर दीं। इस पर झगड़ा बढ़ गया तो हमारे परिवारवालों ने प्रधानाचार्य की पिटाई कर दी। हम अपने परिवारवालों के साथ वेव सिटी थाने पर आए तो एसीपी सलोनी अग्रवाल ने बहुत डांटा और 4 घंटे तक थाने में बैठाए रखा। अभी तक भी प्रधानाचार्य पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। पुलिस रोज हमारे घर आकर माता-पिता को डराती और धमकाती है। हमारा घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। स्कूल के प्रबंधक ने हमें स्कूल आने से मना कर दिया है। आपसे अनुरोध है कि हमें मिलने का समय दें। बाबाजी हम सब भी आपकी ही बेटियां हैं। हमें न्याय दीजिए।’
छात्राओं द्वारा अपने खून से यह पत्र लिखा गया है इस पत्र में लिखा हर एक शब्द छात्राओं के दर्द को बयां कर रहा है साथ ही पुलिस की कार्यशैली पर भी बड़े सवाल खड़े होते हुए नजर आ रहे हैं यदि पुलिस पहले दिन ही प्रिंसिपल पर कार्रवाई कर देती तो शायद आज छात्रों को परेशान होकर अपने खून से यह पत्र मुख्यमंत्री को ना लिखना पड़ता।
उधर, इस प्रकरण में एसीपी सलोनी अग्रवाल का कहना है कि छात्राओं की तहरीर पर तुरंत प्रिंसिपल के विरुद्ध केस दर्ज कर लिया गया था। प्रिंसिपल के सिर में गंभीर चोटें थीं, इसलिए उनकी भी शिकायत दर्ज की गई। मंगलवार सुबह इस केस में प्रिंसिपल की अरेस्टिं कर ली गई है। आरोपी को आज ही कोर्ट में पेश किया जाएगा।
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