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Gyanvapi Mosque: ज्ञानवापी और काशी विश्वनाथ पर बढ़ी सुरक्षा, आधी रात डीएम और पुलिस कमिश्नर पहुंचे

Himanshu Pandey • LAST UPDATED : February 1, 2024, 3:02 am IST

India News (इंडिया न्यूज), Gyanvapi Mosque: ज्ञानवापी पर वाराणसी जिला जज के फैसले के बाद बुधवार शाम काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद के पास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। देर रात वाराणसी पुलिस कमिश्नर भी मंदिर पहुंचे और मंदिर सभागार में ही डीएम समेत अन्य पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक शुरू की। माना जा रहा है कि पूजा की इजाजत के लिए कोर्ट से मिली एक हफ्ते की डेडलाइन और उससे जुड़ी व्यवस्थाओं पर चर्चा हो रही है. ज्ञानवापी से जुड़े एक मामले में बुधवार को जिला जज की अदालत ने यहां के दक्षिणी हिस्से में स्थित व्यासजी के तहखाने में पूजा की इजाजत दे दी है। इस तहखाने में तीस साल से पूजा नहीं हो रही थी। कोर्ट ने वाराणसी के डीएम को एक हफ्ते के अंदर पूजा की व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया है। कोर्ट ने ज्ञानवापी के चारों ओर लगी लोहे की बाड़ के बीच से पूजा के लिए रास्ता बनाने का भी निर्देश दिया है।

निगरानी का दिया गया निर्देश

बता दें कि, कोर्ट के फैसले के बाद जिले में अलर्ट जारी कर दिया गया. ज्ञानवापी परिसर के आसपास और विश्वनाथ धाम के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई। पुलिस ने मिश्रित आबादी और संवेदनशील इलाकों में भी निगरानी बढ़ा दी है। विश्वनाथ धाम क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के साथ ही चौक, नई सड़क, दालमंडी, मदनपुरा, रामापुरा में पुलिस ने गश्त की। भेलूपुर पुलिस ने सोनारपुरा, शिवाला, बजरडीहा में पैदल गश्त की। अफसरों ने शहर के मिश्रित आबादी वाले इलाकों और ग्रामीण इलाकों पर विशेष निगरानी के निर्देश दिए हैं। साथ ही सोशल मीडिया पर भी निगरानी रखने को कहा।

क्या है कोर्ट का फैसला?

वाराणसी जिला जज डॉ. अजयकृष्ण विश्वेश की अदालत ने ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यासजी के तहखाना (दक्षिणी तहखाना) में पूजा और राग-भोग शुरू करने का आदेश दिया है. उन्होंने बेसमेंट के रिसीवर के तौर पर डीएम को सात दिन के अंदर पूजा आदि की समुचित व्यवस्था करने का आदेश दिया है. जिला जज कोर्ट ने यह फैसला पंडित के पोते शैलेन्द्र पाठक व्यास की ओर से दायर वाद पर दिया है. सोमनाथ व्यास. प्रतिवादी और वादी को सुनने के बाद जिला जज ने 30 जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था. जिला जज ने अपने आदेश में कहा है कि रिसीवर के तौर पर डीएम सात दिन के अंदर बेसमेंट से लोहे की बाड़ हटवाएं. पूजा के लिए एक पुजारी को नामांकित करें। उस पुजारी की नियुक्ति वादी व्यास परिवार और काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट की ओर से की जाएगी.

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