India News (इंडिया न्यूज), Happy New Year 2024 : आज से साल 2024 की शुरुआत हो चुकी है। साल का पहला दिन है यानि एक जनवरी। भारत समेत कई देशों में आज रात 12 बजे से नए साल के जश्न की शुरुआत हो चुकी है। इस वक्त पूरे देश पर नए साल का रंग चढ़ा हुआ है। जहां एक ओर सभी एक दूसरे को नए साल की शुभकामनाएं दे रहे हैं। वही उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ट्वीट कर देशवासियों को बधाई तो दी ही साथ ही। केन्द्र सरकार पर भी जमकर निशाना साधा।
मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि, “देश व दुनिया भर में रहने वाले भारतीय भाई-बहनों एवं उनके परिवार को नववर्ष सन् 2024 की दिली मुबारकबाद। यह साल आप सब के लिए आत्म-सम्मान के साथ सुख, शान्ति, सुरक्षा व सफलता लेकर आए इसकी शुभकामनाएं, ताकि आर्थिक असमानता व अन्य गैर-बराबरी आदि से मुक्त लोगों का जीवन ख़ुश-ख़ुशहाल बने।”
आगे लिखा कि “इस नववर्ष से सरकार केवल ’रोज़गार की गारण्टी’ सुनिश्चित कर सच्ची देशभक्ति व राजधर्म का निर्वहन करे, क्योंकि बाकी सरकारी गारण्टियाँ संकीर्ण राष्ट्रवाद के छलावा की राजनीति ज्यादा साबित हुई है, जिस कारण लगभग 100 करोड़ लोगों का जीवन लगातार गरीब, पिछड़ा, मजलूम व मोहताज बना हुआ है।”
1. देश व दुनिया भर में रहने वाले भारतीय भाई-बहनों एवं उनके परिवार को नववर्ष सन् 2024 की दिली मुबारकबाद। यह साल आप सब के लिए आत्म-सम्मान के साथ सुख, शान्ति, सुरक्षा व सफलता लेकर आए इसकी शुभकामनाएं, ताकि आर्थिक असमानता व अन्य गैर-बराबरी आदि से मुक्त लोगों का जीवन ख़ुश-ख़ुशहाल बने।
— Mayawati (@Mayawati) January 1, 2024
देश में मामूली प्रति व्यक्ति आय अर्थात् लोगों की जेब में खर्च के लिए पैसे ही न हों तो ’विकास’ का ढिंढोरा लोगों के किस काम का? साथ ही, बेरोज़गारों की भारी फौज के साथ ’विकसित भारत’ कैसे संभव? देश की विशाल आबादी के हिसाब से रोजगार के अवसर की जरूरत, ऊँट के मुँह में ज़ीरा नहीं।
3. देश में मामूली प्रति व्यक्ति आय अर्थात् लोगों की जेब में खर्च के लिए पैसे ही न हों तो ’विकास’ का ढिंढोरा लोगों के किस काम का? साथ ही, बेरोज़गारों की भारी फौज के साथ ’विकसित भारत’ कैसे संभव? देश की विशाल आबादी के हिसाब से रोजगार के अवसर की जरूरत, ऊँट के मुँह में ज़ीरा नहीं।
— Mayawati (@Mayawati) January 1, 2024
एक्स पर लिखा कि कुल मिलाकर पहले कांग्रेस और अब भाजपा की लम्बी चली जातिवादी, अहंकारी व गै़र-समावेशी सरकार के दुष्प्रभाव से करोड़ों ग़रीबों का विकास प्रभावित। अतः अब इस संसदीय चुनाव वर्ष में जनहित व जनकल्याण को समर्पित बहुजनों के उम्मीदों की सर्वजन हितैषी सरकार बनाएं, लोगों से यही पुरज़ोर अपील।
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