संबंधित खबरें
शिक्षक का उसकी पत्नी ने बनाया पोपट, दूसरे मर्दों के साथ मिलकर बनवाएं अश्लील वीडियो और तस्वीर, पति को करने लगी ब्लैकमेल
उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों का होगा कायाकल्प,पांच जिलों के मंदिरों के विकास का ऐलान
UP: लखनऊ में जुटी बिजली पंचायत टेंडर निजीकरण को लेकर किया आंदोलन
Google Maps ने फिर किया गुमराह… गलत लोकेशन से हुआ नुकसान, कई अभ्यर्थियों का छूटा UPPSC प्री एग्जाम
गलत ट्रेन, गलत फैसला PCS परीक्षा देने निकली युवती की रेल हादसे में मौत
CM योगी की बढ़ी लोकप्रियता, सीएम ऑफिस के 'एक्स' हैंडल पर 60 लाख फॉलोअर्स का आंकड़ा पार
India News (इंडिया न्यूज), Lok Sabha Elections: बीजेपी ने विपक्ष के जातिगत जनगणना कराने के मुद्दे की काट तैयार करने के लिए दिल्ली में ओबीसी कोर ग्रुप के साथ मंथन किया। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अगुवाई में हुई इस बैठक में तय किया गया हैं।
पिछड़ों को ज्यादा टिकट
2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी पिछड़ों को ज्यादा टिकट देगी। इसके लिए चेहरे छांटने का काम भी ओबीसी मोर्चा को दिया गया है। इसके साथ ही यूपी के हर जिले में पिछड़े वर्ग की अलग-अलग जातियों के सामाजिक सम्मेलन भी किए जाएंगे।
यह सम्मेलन दीवाली बाद ही शुरू कर दिए जाएंगे। इस बैठक में यूपी से सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, पिछड़ा वर्ग मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री संगम लाल गुप्ता मौजूद थे।
बीजेपी ने लोकसभा चुनाव से पहले दलितों और महिलाओं के साथ पिछड़े वर्ग को जोड़ने पर काम शुरू कर दिया है। इसके लिए बीजेपी जल्दी ही सभी जिलों में पिछड़ी जातियों के सम्मेलन कराएगी। इसे सामाजिक सम्मेलन नाम दिया जाएगा। इसे नवंबर से शुरू करने की योजना है।
बीजेपी 2024 से पहले किसी भी जाति या वर्ग को अपने साथ शामिल करने से पीछे नहीं रहना चाहती। विपक्ष ने भी पिछड़ों को जोड़ने के लिए जातिगत जनगणना का दांव चल दिया है।
बिहार में आए जनगणना के नतीजों के बाद सभी दल पिछड़ों को साधने में जुट गए हैं। बीजेपी ने इसके लिए गुरुवार को दिल्ली में कोर ग्रुप की बैठक बुलाई। बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ खुद गृहमंत्री अमित शाह मौजूद थे।
बैठक में पंजाब, हरियाणा, यूपी, बिहार और महाराष्ट्र के भी नेता मौजूद थे। बैठक में पिछड़ों की भागीदारी को लेकर चिंता जताई गई। फिर अलग-अलग राज्यों से इसकी काट खोजने पर बात हुई। इसके बाद तय किया गया कि पिछली चुनाव की तरह इस बार भी पिछड़े वर्ग के सामाजिक सम्मेलन आयोजित किए जाएं। पहले इन्हें जिला स्तर पर और फिर क्षेत्र स्तर पर आयोजित किया जाएगा।
इसमें मौर्य, शाक्य, सैनी, कुशवाहा, प्रजापति, कुर्मी, यादव और अलग-अलग जातियों के सम्मेलन होंगे। इसके बाद एक बड़ा ओबीसी महाकुंभ प्रदेश स्तर पर आयोजित किया जाएगा। इसके साथ यह भी तय किया गया है कि राज्यसभा और विधान परिषद में भी पिछड़ों की भागीदारी बढ़ाई जाएगी।
संगठन में मंडल और बूथ स्तर तक पिछड़ों को ज्यादा जिम्मेदारी दी जाएगी। हर बूथ कमिटी में पिछड़े वर्ग का एक सदस्य जरूर रखा जाएगा। इसके साथ ही निगम और आयोगों में भी उनकी हिस्सेदारी बढ़ाई जाएगी। इसके लिए जल्दी ही सूची तैयार कर ली जाएगी।
बीजेपी ने इसके साथ ही पिछड़े वर्ग के परंपरागत कारीगरों से भी संवाद करना शुरू किया है। चूंकि बढ़ई, नाई, लोहार, दर्जी, सुनार, राजमित्री, मछुवारा, कुम्हार जैसे परंपरागत काम करने वाले कारीगर भी पिछड़े वर्ग से आते हैं। करीब 18 समुदाय इस दायरे में आते हैं। अब बीजेपी इन्हें भी जोड़ने की तैयारी में है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इनके लिए विश्वकर्मा सम्मान योजना शुरू की है। इसमें कारीगरों को तीन लाख तक का ऋण और 15 हजार रुपए टूलकिट प्रोत्साहन के लिए दिए जाते हैं। यूपी का जिम्मा केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा को दिया गया है, उन्होंने इस पर काम शुरू कर दिया है।
अब इसे हर जिले तक ले जाने की योजना है। इस योजना के फायदे बताने के लिए हर जिले में पिछड़ी जातियों के संवाद होंगे, जिसमें इस योजना के फायदे के बारे में बताया जाएगा।
Also Read:
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.