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महाकुंभ में बाबा महाकाल गिरी ने यूट्यूबर को चिमटे से क्यो पीटा, बताई ये वजह

BY: Poonam Rajput • LAST UPDATED : January 15, 2025, 12:33 pm IST
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महाकुंभ में बाबा महाकाल गिरी ने यूट्यूबर को चिमटे से क्यो पीटा, बताई ये वजह

Maha Kumbh 2025

India News (इंडिया न्यूज़),Maha Kumbh 2025:  प्रयागराज महाकुंभ में एक बाबा का यूट्यूबर को चिमटे से पीटने का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस घटना को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। जब ‘आजतक’ ने बाबा से पिटाई के पीछे की वजह जानने की कोशिश की, तो उन्होंने बताया कि यूट्यूबर उनकी साधना और तपस्या को गलत तरीके से पेश कर रहा था, इसीलिए उसे सजा दी।

कौन हैं बाबा महाकाल गिरी?
बाबा महाकाल गिरी पिछले 9 साल से हठ योग कर रहे हैं। उनका विशेष तपस्या रूप ऊर्ध्व बाहु (एक आध्यात्मिक साधना, जिसमें साधक एक हाथ हमेशा ऊपर रखता है) है। इस साधना के कारण उनका एक हाथ निष्क्रिय हो गया है और काला पड़ चुका है। इसके नाखून भी बहुत बड़े हो गए हैं। बाबा के मुताबिक, वह अपनी तपस्या के दौरान कष्ट सहन करते हैं, ताकि उनकी साधना पूरी हो सके।

यूट्यूबर से विवाद
बाबा महाकाल गिरी ने बताया कि यूट्यूबर खुद उनकी कुटिया में आया था और उनकी साधना के बारे में सवाल करने लगा। वह पूछने लगा कि आप कौन सा भजन गाते हैं, हाथ खड़ा रखने से क्या फायदा होता है, क्या यह कोई बीमारी है? इन सवालों से बाबा को गुस्सा आ गया और उन्होंने यूट्यूबर को तीन-चार चिमटे लगा दिए। इसके बाद यूट्यूबर वहां से भाग गया।

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बाबा का बचाव
बाबा महाकाल गिरी ने कहा, “मैंने जीवन भर का त्याग किया है। भाई-बहन, मां-बाप सबका त्याग कर संत बना हूं। अगर कोई उल्टे-सीधे सवाल करेगा तो नाराज होना लाजिमी है। अगर कोई गलत बोलेगा, तो उसे सजा मिलनी चाहिए।” उनका कहना है कि हठयोग करना कोई नई बात नहीं है। हजारों संत अपनी-अपनी तरह से तपस्या करते हैं और कष्ट सहते हैं। बाबा ने कहा कि जीवन में कष्ट हर जगह होते हैं और यह साधना के दौरान उठाए गए कष्ट भी जीवन के हिस्से हैं।

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साधना का उद्देश्य
बाबा महाकाल गिरी के मुताबिक, उनका यह तप गौमाता और उनकी मां के लिए है। वे चाहते हैं कि गौमाता की रक्षा हो और उनके लिए गौशाला बने, क्योंकि सड़कों पर घूम रही गायों के लिए कोई घर नहीं है। बाबा का कहना है कि जब गौमाता कष्ट में हैं, तो उन्होंने भी अपने शरीर को कष्ट देने का फैसला किया है। बाबा महाकाल गिरी की कहानी एक साधक के कठिन मार्ग पर चलने की मिसाल है, जहां वह अपने तप के जरिए जीवन को एक नई दिशा देने की कोशिश कर रहे हैं।

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