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India News UP(इंडिया न्यूज़), Mangesh Yadav Encounter: उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर में सर्राफ के यहां डकैती के आरोपित मंगेश यादव के एनकाउंटर पर माहौल गरमाया हुआ है। सपा मुखिया अखिलेश यादव के बाद कांग्रेस नेता राहुल ने इस एनकाउंटर पर कई सवाल उठाए हैं। राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में ‘कानून और संविधान’ की धज्जियां वही उड़ा रहे हैं, जिनपर उनका पालन कराने की ज़िम्मेदारी है।
आगे राहुल ने कहा, सुल्तानपुर में मंगेश यादव के एनकाउंटर ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भाजपा ‘कानून के राज’ में विश्वास नहीं रखती। मंगेश के परिवार के आंसू पूरे देश से पूछ रहे हैं – कौन बचेगा और कौन नहीं, इसका फैसला कोर्ट करेगा या पुलिस?
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि भाजपा सरकार में एसटीएफ जैसी पेशेवर फोर्स को ‘आपराधिक गिरोह’ की तरह चलाया जा रहा है और इस पर केंद्र सरकार की चुप्पी इस ‘ठोको नीति’ को उनकी स्पष्ट सहमति है। यूपी एसटीएफ के दर्जनों एनकाउंटर सवालों के घेरे में हैं। क्या आज तक उनमें से किसी अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई? आखिर उन्हें कौन और क्यों बचा रहा है? कैमरों के सामने संविधान को गले लगाना महज दिखावा है, जबकि आपकी अपनी सरकारें ही खुलेआम इसकी धज्जियां उड़ा रही हैं। उत्तर प्रदेश में हुए सभी संदिग्ध एनकाउंटर की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और न्याय होना चाहिए। वर्दी पर लगे खून के धब्बे साफ होने चाहिए। वर्दी पर लगी खून की छींटें साफ होनी चाहिए।
आपको बता दें, राहुल गांधी से पहले अखिलेश यादव ने गुरुवार को दावा किया था कि जिस व्यक्ति को दो दिन पहले उठाकर एनकाउंटर के नाम पर बंदूक की नोक पर गोली मार दी गई, अब उस पर मेडिकल रिपोर्ट बदलने का दबाव बनाया जा रहा है। सबूत नष्ट होने से पहले सुप्रीम कोर्ट को शासन के इस गंभीर अपराध का तुरंत संज्ञान लेना चाहिए। इतना ही नहीं अखिलेश ने गुरुवार को ‘X’ पर लिखा कि ऐसा लगता है कि सुल्तानपुर डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष के गहरे संबंध थे, इसीलिए फर्जी एनकाउंटर से पहले ‘मुख्य आरोपी’ से संपर्क कर उसे सरेंडर करवाया गया। विपक्ष के अन्य लोगों को उनकी ‘जाति’ के आधार पर उनके पैरों में गोली मारकर मार दिया गया। फर्जी एनकाउंटर रक्षकों को भक्षक बना देते हैं। इसका समाधान फर्जी एनकाउंटर नहीं, बल्कि असली कानून व्यवस्था है।
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