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इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही राज्य में दो जगह के नाम बदलेगी। इसके लिए राज्य सरकार को केंद्रीय गृह मंत्रालय से सहमति मिल गई है। अब जल्द ही इनका नाम बदलने के लिए संसद में संविधान संशोधन प्रस्ताव पेश किया जाएगा। इनमें से एक स्थान गोरखपुर जिले में है, जबकि दूसरा स्थान देवरिया जिले में है। अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि इन दोनों जगह के नाम बदलने के लिए राज्य सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास सिफारिश भेजी थी। इस सिफारिश पर गृह मंत्रालय ने नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट जारी कर दिया है।
एक निजी चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य सरकार ने गोरखपुर जिले की मुंडेरा बाजार नगर पालिका का नाम बदलकर चौरी चौरा करने की सिफारिश की थी। चौरीचौरा वही ऐतिहासिक जगह है, जहां 4 फरवरी, 1922 को असहयोग आंदोलन की रैली पर डुमरी में पुलिस फायरिंग में 26 लोगों की मौत के बाद भीड़ भड़क उठी थी। भीड़ ने चौरीचौरा पुलिस थाने का बाहर से दरवाजा बंद करके आग लगा दी थी, जिसमें एक इंस्पेक्टर समेत 22 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी। इसे चौरीचौरा कांड के नाम से जाना जाता है।
जानकारी दें, इसके अलावा राज्य सरकार ने देवरिया जिले के एक गांव का नाम बदलने की सिफारिश केंद्र सरकार से की थी। तेलिया अफगान नाम के इस गांव का नाम बदलकर तेलिया शुक्ला करने की सिफारिश की गई थी।
ज्ञात हो, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार की तरफ से भेजे गए नाम बदलने के प्रस्तावों की मौजूदा गाइडलाइन्स के हिसाब से जांच की। इसके लिए संबंधित विभागों से सलाह भी ली गई। बता दें कि किसी भी जगह का नाम बदलने के लिए रेलवे मंत्रालय, पोस्टल विभाग और सर्वे ऑफ इंडिया की सहमति जरूरी होती है। इन विभागों से सहमति मिलने के बाद गृह मंत्रालय ने नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट जारी कर दिया है।
आपको बता दें, किसी भी गांव, कस्बे या शहर का नाम बदलने के लिए एक एक्जीक्यूटिव ऑर्डर की जरूरत होती है। इसके लिए किसी भी राज्य की सिफारिश पर संसद के अंदर एक संविधान संशोधन प्रस्ताव पेश किया जाता है, जिसे सामान्य बहुमत से पारित कराना होता है। अब यूपी सरकार की तरफ से नाम बदलने की ये दोनों सिफारिशें भी इसी प्रक्रिया से गुजरेंगी।
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