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India News (इंडिया न्यूज), Rajya Sabha Election, लखनऊ: रियल स्टेट व्यवसायी और पूर्व राज्यसभा सांसद संजय सेठ को आठवें प्रत्याशी के रूप में उतार कर भाजपा ने राज्यसभा की दस सीटों पर होने वाले चुनाव को रोचक कर दिया है। अब 27 फरवरी को वोटिंग होना तय माना जा रहा है। भाजपा के पास सात प्रत्याशियों को जिताने के बाद भी वोट सरप्लस थे। लेकिन, आठवें प्रत्याशी को जिताने के लिए अब उसे दूसरे दलों के वोटरों को साधना होगा। यही नहीं अब समाजवादी पार्टी को भी अपने तीसरे प्रत्याशी को जिताने के लिए अलग से वोटों का इंतजाम करना होगा। ऐसे में मतदान के दौरान क्रॉस वोटिंग की संभावना है।
यूपी से राज्यसभा की इन दस सीटों के लिए समाजवादी पार्टी के तीन प्रत्याशियों पूर्व सांसद रामजीलाल सुमन, फिल्म अभिनेता और राज्यसभा सदस्य जया अमिताभ बच्चन और यूपी के पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन ने पर्चा भर चुके हैं। इसके अलावा बुधवार को भाजपा की ओर से राज्यसभा सदस्य सुधांशु त्रिवेदी, भाजपा प्रदेश महासचिव अमरपाल मौर्य, पूर्व केंद्रीय मंत्री मंत्री आरपीएन सिंह, आगरा के पूर्व मेयर नवीन जैन, पूर्व मंत्री संगीता बलवंत, पूर्व विधायक साधना सिंह और पूर्व सांसद तेजवीर सिंह भी पर्चा भर चुके हैं।
गुरुवार को पूर्व राज्यसभा सांसद संजय सेठ ने अपना नामांकन कर चुनाव को नया मोड़ दे दिया। यह तब हुआ जब एक दिन पहले ही सपा की सहयोगी और विधायक अपना दल (कमेरावादी) की नेता पल्लवी पटेल ने पीडीए को नजरअंदाज किए जाने का आरोप लगाकर सपा को वोट देने से इंकार कर दिया। वहीं कांग्रेस के दो और बीएसपी के एक विधायक ने भी अपना रुख साफ नहीं किया है।
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यूपी विधानसभा में विधायकों की संख्या 403 है। लेकिन, वर्तमान में तीन विधायकों के निधन और एक विधायक की सदस्यता चली जाने की वजह से चार सीटें रिक्त हैं। बचे 399 विधायकों में तीन विधायक जेल में हैं। इनमें भाजपा के सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक अब्बास अंसारी और सपा के दो विधायक रमाकांत यादव और इरफान सोलंकी जेल में हैं।
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पार्टी सदस्यों की संख्या
भाजपा 252
अपना दल (एस) 13
सुभासपा 06
निषाद पार्टी 06
रालोद 09
जनसत्ता दल 02
कुल 288
पार्टी सदस्यों की संख्या
समाजवादी पार्टी 108
कांग्रेस 02 (चुप्पी)
बहुजन समाज पार्टी 01 (तटस्थ)
राज्यसभा की एक सीट के लिए कितने विधायकों के वोट की जरूरत होती है। इसका एक तय फार्मूला है। जिसमें, जितनी सीटों पर चुनाव होना है, उसमें एक जोड़ कर उसे सदन के कुल सदस्यों की संख्या से भाग दिया जाता है। जो परिणाम आया है, उनसे एक जोड़ जोड़ दिया जाता है। जो संख्या आती है, वह एक सीट के लिए वोटों की संख्या होती है। इस फार्मूले के हिसाब से राज्यसभा की एक सीट के लिए चुनाव में 37.27 यानी 37 वोटों की जरूरत होगी।
सीधे तौर पर देखें तो भाजपा के पास अपने और अपने सहयोगी दलों के मिला कर कुल 286 वोट हैं। जबकि, 37 वोट के हिसाब से भाजपा को आठ प्रत्याशी जिताने के लिए 296 वोटों की जरूरत होगी। जनसत्ता दल के मुखिया रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया लगातार भाजपा सरकार की तारीफ करते आ रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि जनसत्ता दल के दो विधायक भी भाजपा के पक्ष में होंगे। इन्हें जोड़ लें, तो भाजपा के पास 288 वोट हो जाएंगे। उसे अपना आठवां प्रत्याशी जिताने के लिए आठ और वोटों की जरूरत होगी। लेकिन सुभासपा का एक विधायक (अब्बास अंसारी) जेल में हैं। यदि उसका वोट न पड़ा, तो भाजपा को नौ वोटों की ‘व्यवस्था’ करनी होगी।
समाजवादी पार्टी की बात करें, तो सपा के पास अपने 108 वोट हैं। इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस तो सपा के साथ है, लेकिन प्रदेश स्तर पर जिस तरह से लोकसभा सीटों को लेकर दोनों दलों में तल्खी चल रही है, इस हिसाब से अभी कांग्रेस के दो विधायकों ने अपना रुख साफ नहीं किया है। तीन सीटें जीतने के लिए उसे 111 वोटों की जरूरत है। ऐसे में सीधे तौर पर तीसरे प्रत्याशी को जिताने के लिए सपा को तीन वोट की जरूरत होगी। लेकिन, सपा के भी दो विधायक (इरफान सोलंकी और रमाकांत यादव) जेल में हैं अगर उनकी वोट न पड़ी, तो सपा को पांच वोटों की जरूरत होगी। इतना ही नहीं, सपा विधायक (अपना दल कमेरा की नेता) पल्लवी पटेल भी नाराज हैं और वह वोट न देने का पहले ऐलान कर चुकी हैं। हालांकि उनका रुख मतदान वाले दिन ही साफ होगा।
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