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AMU में जुम्मे की नमाज के बाद मजहबी नारेबाजी, गणतंत्र दिवस पर भी मचा था बवाल

BY: Ashish kumar Rai • LAST UPDATED : February 4, 2023, 7:31 pm IST
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AMU में जुम्मे की नमाज के बाद मजहबी नारेबाजी, गणतंत्र दिवस पर भी मचा था बवाल

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(दिल्ली) : उत्तर प्रदेश की ‘अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU)’ में गणतंत्र दिवस के दिन मजहबी नारे लगाने की वजह से एक छात्र को निलंबित किया गया था। निलंबित छात्र के समर्थन में शुक्रवार (3 फरवरी, 2023) को जुमे की नमाज के बाद एक बार छात्रों ने मजहबी नारेबाजी की है। बता दें, हंगामा कर रहे छात्र ‘नारा ए तकबीर’, और ‘अल्लाह हू अकबर’ के नारे लगाते नजर आए ।

मिली जानकारी के मुताबिक, जुमे की नमाज के बाद AMU में एक विशेष वर्ग के छात्रों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रॉक्टर वसीम अली को लिखित ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में निलंबित छात्र को तत्काल प्रभाव से बहाल करने की मांग की गई।

गणतंत्र दिवस पर भी हुई थी मजहबी नारेबाजी

बताया दें, गणतंत्र दिवस पर वाहिदुज्जमा नामक छात्र और एनसीसी कैडेट ने ‘अल्लाह हू अकबर’ के नारे लगाए थे। ये नारा तब लगाया गया जब कैम्पस ध्वजारोहण किया गया था। भारतीय ध्वज के सामने मजहबे नारेबाजी पर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए उसे निलंबित कर दिया था। इस निलंबन का विरोध करते हुए विशेष वर्ग के छात्रों ने न केवल नारेबाजी की। बल्कि एमएमयू के माहौल को बिगाड़ने की भी कोशिश करते नजर आए ।

बीबीसी के प्रोपगेंडा को बताया सही

बता दें , अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में जुमे की नमाज के बाद प्रॉक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में केंद्र सरकार द्वारा प्रतिबंधित बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को विशेष वर्ग के छात्रों ने सही बताया गया है। विशेष वर्ग के छात्रों द्वारा इस ज्ञापन ने एएमयू प्रबंधन के उस दावे की पोल खोल कर रख दी है, जिसमें कहा गया था कि कैंपस में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री के क्यूआर वाले पोस्टर छात्रों ने नहीं बल्कि बाहरी लोगों ने लगाए हैं।

क्यूआर कोड के जरिए प्रतिबंधित डॉक्युमेंट्री दिखाने का प्रयास

मालूम हो, गुरुवार (2 फरवरी, 2023) को खबर आई थी कि एएमयू कैंपस की दीवारों पर क्यूआर कोड वाले कई पोस्टर चिपकाए गए हैं। पोस्टर में बताया गया था कि इन क्यूआर कोड को स्कैन कर छात्र बीबीसी की प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री अपने मोबाइल फोन पर देख सकते हैं। जिस पर संज्ञान लेते हुए एएमयू प्रॉक्टर ने पोस्टरों को हटाने के आदेश जारी किया था। साथ ही कहा था कि पोस्टर बाहरी लोगों द्वारा लगाए गए हैं। ये पोस्टर एएमयू के छात्रों ने नहीं लगाए हैं।

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