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India News (इंडिया न्यूज़), Sanjay Singh arrested: राज्यसभा सांसद संजय सिंह की गिरफ्तारी आम आदमी पार्टी के लिए किसी बड़े झटके से काम नहीं है। खास तौर से हिंदी भाषी बेल्ट के राज्यों में संगठनात्मक तौर पर संजय सिंह की भूमिका को देखते हुए विशेष रूप से उत्तर प्रदेश जैसे राज्य जहां के संजय सिंह प्रभारी हैं। उस राज्य में संजय सिंह के की गैर मौजूदगी में आम आदमी पार्टी को नुकसान हो सकता है। इसके पहले बुधवार को शराब घोटाले के मामले में 10 घंटे तक चली पूछताछ के बाद संजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद संजय सिंह का मां का आशीर्वाद लेते हुए एक वीडियो भी आया। साथ ही आम आदमी पार्टी की ओर से यहां तक कहा गया कि हर क्रांतिकारी को जेल देखनी होती है। आज संजय सिंह को भी यह सौभाग्य प्राप्त हुआ। ना डरे थे ना डरेंगे, अन्याय के खिलाफ लड़ते रहेंगे।
आम आदमी पार्टी संजय सिंह के बहाने जनता की सहानुभूति हासिल करने की भी कोशिश कर रही है। वहीं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी संजय सिंह की गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताया और इसको प्रधानमंत्री मोदी की बौखलाहट बताते हुए कहा कि चुनाव तक यह कई और विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार करेंगे।
आम आदमी पार्टी के नजरिए से देखें तो मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद संजय सिंह पार्टी के दूसरे सबसे बड़े नेता माने जाते रहे हैं। संजय सिंह आम आदमी पार्टी की पॉलिटिकल अफेयर्स कमिटी के सदस्य होने के साथ ही पार्टी के प्रवक्ता भी हैं। वहीं उनके पास उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों की जिम्मेदारी भी है। संजय सिंह की भूमिका विपक्षी दलों से तालमेल बैठाने में भी काफी अहम रही है। आम आदमी पार्टी की ओर से बीते कई चुनाव में रणनीतिक तौर से संजय सिंह लगातार अपनी भूमिका निभाते रहे हैं। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में भी संजय सिंह की यह भूमिका बरकरार रहेगी लेकिन गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए यह मुश्किल हो जाएगा कि आप यह जिम्मेदारी किसको सौंपी जाए क्योंकि संजय सिंह की भूमिका निभाने वाला अब आम आदमी पार्टी में कोई वैसा नेता नजर नहीं आ रहा।
संजय सिंह यूपी के सुल्तानपुर जिले से आते हैं यही कारण है कि उत्तर प्रदेश को लेकर उन्हें पार्टी की तरफ से बड़ी जिम्मेदारी दी गई। प्रदेश में संजय सिंह ने पार्टी को एक मजबूत आधार देने में लगे हुए हैं। ऐसा देखा गया है कि संजय सिंह महंगाई, बेरोजगारी से लेकर बिजली तक के मुद्दों पर भाजपा सरकार के खिलाफ खुलकर बोलते रहे हैं। संजय सिंह की सक्रियता का ही परिणाम है कि इसी साल यूपी के निकाय चुनाव में आम आदमी पार्टी ने अपनी अपनी सियासी उपस्थिति भी दर्ज कराई।
आम आदमी पार्टी यूपी के गाजियाबाद, कौशांबी, फिरोजाबाद, बदायूं और रामपुर जैसे जिलों में कामयाबी हासिल करने में सफल रही। हालांकि बीते विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की पार्टी कोई सीट नहीं जीत पाई थी लेकिन संजय सिंह ने चुनाव से पहले पार्टी के लिए जबरदस्त माहौल तैयार किया था। इसके अलावा संजय सिंह के बारे में ऐसा कहा जाता है कि उनकी राजनीतिक समझ काफी बेहतर है। संजय सिंह के कांग्रेस सहित कई दलों में अच्छे संबंध भी हैं। यही कारण है संजय सिंह तमाम मंचों पर गैर भाजपाई दालों के साथ देखे जाते रहे हैं। वहीं I.N.D.I.A. गठबंधन की भी हर बैठक में वह साथ रहे हैं। विपक्षी दलों के साथ तालमेल बैठाने की आम आदमी पार्टी की ओर से जिम्मेदारी संजय सिंह के पास ही है। इसके अलावा संजय सिंह संसद में भी भाजपा के खिलाफ काफी मुखर रहे हैं। आम आदमी पार्टी की ओर से मुद्दा उठाने में उनकी एक बड़ी भूमिका रही है।
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