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India News UP (इंडिया न्यूज),Supreme Court: यूपी सरकार की कड़ी निंदा करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सड़क चौड़ीकरण परियोजना के लिए निजी घरों को अनधिकृत रूप से गिराने की निंदा की है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे कृत्य को “अत्याचारी” बताया। अपने निर्णायक फैसले में कोर्ट ने यूपी सरकार को याचिकाकर्ता को 25 लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा देने का आदेश दिया है, जिसका घर बिना उचित कानूनी प्रक्रिया को गिरा दिया गया।
Supreme Court slams Uttar Pradesh government authorities for illegal demolition of houses for road widening while terming the action by state “high-handed” and without authority of law.
Supreme Court directs UP government to grant punitive compensation of Rs 25 lakhs to person…
— ANI (@ANI) November 6, 2024
कोर्ट ने जवाबदेही की आवश्यकता पर जोर देते हुए संबंधित अधिकारियों की कार्रवाई की अनुशासनात्मक जांच का निर्देश दिया है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने राज्य राज्य सरकार से सवाल किया है “आप बिना उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना या नोटिस दिए बिना किसी के घर में घुसकर उसे कैसे गिरा सकते हैं?” बता दें कि यूपी सरकार ने स्थगन का अनुरोध किया था, लेकिन सीजेआई चंद्रचूड़ ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि कोर्ट को विध्वंस की वैधता का आकलन करने के लिए पहले से प्रस्तुत सामग्री का मूल्यांकन जरूर करना चाहिए।
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अदालत ने राज्य के कार्यों में गंभीर प्रक्रियात्मक उल्लंघन पाया। यूपी सरकार ने राज्य राजमार्ग की मूल चौड़ाई की पुष्टि करने वाले दस्तावेज़, कथित अतिक्रमणों की किसी भी जांच का विवरण, या सबूत नहीं दिया है कि आवश्यक भूमि विध्वंस से पहले कानूनी रूप से अधिग्रहित की गई थी। इसके अलावा, आवेदक की संपत्ति के आकार के संबंध में कोई जानकारी प्रदान नहीं की गई, जिसे राजमार्ग की केंद्र रेखा के भीतर बताया गया था। अदालत ने पाया कि विध्वंस कथित अतिक्रमण की सीमा को पार कर गया था, जैसा कि NHRC की रिपोर्ट से पुष्टि हुई है।
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