अजय त्रिवेदी, लखनऊ:
Terracotta Cluster Will Be Built In Gorakhpur: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (Assembly elections) खत्म होने के साथ ही एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) (one district one product) परियोजना पर काम शुरु हो गया है। योगी सरकार (Yogi Government) की इस महत्वाकांक्षी परियोजना का विस्तार आने वाले पांच सालों में प्रदेश के सभी 75 जिलों में कर दिया जाएगा। ओडीओपी के तहत प्रदेश के टेराकोटा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए दो क्लस्टर बनाए जाएंगे।
इन दोनो क्लस्टरों का निर्माण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के क्षेत्र गोरखपुर में किया जाएगा। देश भर में मशहूर गोरखपुर की टेराकोटा कला को ओडीओपी के तहत शामिल किया गया था। गोरखपुर में हाल ही में स्पेशल परपज व्हीकिल (एसपीवी) के गठन के बाद भूमि आवंटन के काम को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है।
गोरखपुर में टेराकोटा के शिल्पकारों के साथ बैठक कर उनकी जरुरतों के बारे में जानकारी लेने के साथ ही उन्हें क्लस्टर में मिलने वाली सुविधाओं के बारे में भी बताया गया है। जिला उद्योग कार्यालय के मुताबिक क्लस्टर स्थापित होने से शिल्पकारों को एक ही स्थान पर सभी सुविधाएं मिल जाएंगी साथ ही बाजार की मांग के मुताबिक नई डिजाइन बनाने के लिए तकनीकी सहयोग भी मिलेगा। टेराकोटा क्लस्टर में निर्माण के लिए अत्याधुनिक मशीनें होंगी, जिसकी सहायता से लोग आसानी से अपना काम कर सकेंगे।
गोरखपुर में टेराकोटा क्लस्टर जिले के गुलरिहा और पादरी बाजार में बनाया जा रहा है। गुलरिहा में क्लस्टर स्थापित करने के लिए गोरखपुर टेराकोटा विकास सहकारी समिति का गठन किया जा चुका है। इस समिति के तहत ही एसपीवी का संचालन होगा। सूक्ष्म, लघु उद्यम क्लस्टर डेवलपमेंट प्रोग्राम (एमएसईसीडीपी) के तहत इस क्लस्टर की स्थापना की जा रही है। स्पीवी के पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है और इस क्लस्टर के निर्माण पर 2.83 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। जिसका 10 फीसदी एसपीवी को वहन करना होगा।
इसके अलावा गोरखपुर जिले में ही दूसरा क्लस्टर पादरी बाजार बनाया जाएगा। यहां भी टेराकोटा ट्रेडमो सोसाइटी पादरी बाजार का गठन किया गया है जिसे अब जमीन ट्रांसफर की जानी है। इस क्लस्टर के निर्माण पर करीब 2.50 करोड़ रुपये खर्च किया जाना है।
ओडीओपी परियोजना के तहत कानपुर से लेकर बरेली और कन्नौज में फ्लैटेड फैक्ट्री कांप्लेक्स भी बनाए जा रहे हैं। इन कांप्लेक्स में ओडीओपी के हस्तशिल्पियों को काम करने की जगह के साथ जरुर सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं। इन जगहों पर हस्तशिल्पियों को आधुनिक पैकेजिंग के साथ डिजायन की भी सलाह विशेषज्ञों की ओर से दी जाएगी।
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