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इंडिया न्यूज़,गोरखपुर: देश की ऐतिहासिक और धार्मिक धरती उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के गोरखनाथ मंदिर में मकर संक्रांति से ‘खिचड़ी मेला’ की शुरूआत हुई। यह खिचड़ी मेला करीब एक महीने तक चलेगा। इस दौरान पड़ने वाले हर रविवार और मंगलवार का अपना विशेष महत्व है। लिहाजा खिचड़ी मेले में पूरे उत्तर भारत से लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इसमें से अधिकांश नेपाल-बिहार व पूर्वांचल के दूर-दराज के इलाकों से बाबा गोरक्षनाथ को खिचड़ी चढ़ाने आते हैं। कुछ बाबा से मन्नत पूरी होने पर तो कुछ मन्नत मांगने आते हैं।
परंपरा के मुताबिक त्रेता युग में गुरु गोरक्षनाथ भिक्षा मांगते हुए हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के मशहूर ज्वाला देवी मंदिर गए। यहां पर सिद्ध योगी को देख देवी साक्षात् प्रकट हो गईं और गुरु को भोजन का आमंत्रण दिया। जब गोरक्षनाथ ने वहां पहुंचकर तापसी भोजन को देखा तो उन्होंने कहा कि मैं भिक्षा में मिले चावल, दाल को ही खाता हूं. इस पर ज्वाला देवी ने कहा कि मैं चावल दाल पकाने के लिए पानी गरम करती हूं, आप द्वार- द्वार जाकर भिक्षा मांग कर चावल और दाल ले आइए. इसके बाद गोरक्षनाथ भिक्षा मांगते हुए गोरखपुर पहुंचे और राप्ती व रोहिणी नदी के संगम पर अक्षय पात्र(एक ऐसा पात्र जिसमें से कभी भी अन्न और जल समाप्त नहीं होता) रख दिया और साधना में लीन हो गए। वहीं उसी दौरान जब खिचड़ी यानि मकर संक्रांति का पर्व आया तो लोगों ने गोरक्षनाथ को साधना में लीन देखते हुए उनके अक्षय पात्र में चावल और दाल डालना शुरू कर दिया। हालांकि काफी मात्रा में अन्न डालने के बाद भी वह पात्र(बर्तन) नहीं भरा तो लोग इसे चमत्कार मानने लगे और उनके सामने श्रद्धा से सिर झुकाने लगे। तभी से गुरु की इस तपोस्थली पर खिचड़ी पर चावल-दाल चढ़ाने की परंपरा शुरू हो गई है।
इस मौके पर मेले में पूरे उत्तर भारत से लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। जिसमें से ज्यादातर नेपाल-बिहार व पूर्वांचल के दूर-दराज के क्षेत्रों से होते हैं। श्रद्धालु, बाबा गोरक्षनाथ को खिचड़ी चढ़ाते हैं साथ ही कुछ लोग बाबा से मांगी गई मन्नत पूरी होने पर उनका आभार जताते हैं तो वहीं कुछ मन्नत मांगने हैं। इस मेले में सरकार की ओर से सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया गया है। दरअसल, कई बार गोरखनाथ मंदिर को बम से उड़ाने की धमकियां मिली है जिनमें से कुछ फर्जी पाए गए हैं जिस कारण मेले की सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है। जिला प्रशासन और स्थानीय पुलिस लोगों की हर गतिविधि पर नज़र रख रही है। गोरखनाथ मंदिर के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व्यक्तिगत रूप से तमाम व्यवस्थाओं की निगरानी कर रहे हैं।
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