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India News (इंडिया न्यूज़), UP Politics: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए “बंटेंगे तो कटेंगे” नारे को लेकर चल रही राजनीति में अब डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अपनी सफाई पेश की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के माध्यम से स्थिति स्पष्ट की है और कहा कि भाजपा में किसी प्रकार के मतभेद नहीं हैं।
मौर्य ने लिखा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का स्पष्ट संदेश और उनके भाषणों से उभरा नारा, ‘एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे, बंटेंगे तो कटेंगे’, हम सभी कार्यकर्ताओं की एकजुटता और संकल्प का प्रतीक है। उन्होंने आगे कहा, “भाजपा में न कोई मतभेद था, न है, और न होगा। यह नारा मुझ जैसे करोड़ों कार्यकर्ताओं के दिल की आवाज़ है।” मौर्य ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा की एकजुटता से सपा, बसपा, और कांग्रेस को समस्या हो रही है। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा, “अगर दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा है, तो इलाज कराएं और दवा ले लें।”
सीएम योगी ने पहली बार यह नारा 26 अगस्त को दिया था। इसके बाद, यह नारा हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड, और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में भी चर्चा में रहा। उत्तर प्रदेश के आगामी 9 विधानसभा उपचुनाव में भी इस नारे का इस्तेमाल किया जा रहा है।
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सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस नारे की आलोचना करते हुए इसे नकारात्मक राजनीति का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह बयान विभाजनकारी मानसिकता को दर्शाता है और समाज को बांटने का प्रयास है।
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भाजपा इस नारे के जरिए कार्यकर्ताओं और समर्थकों में एकजुटता का संदेश देना चाहती है, जबकि विपक्ष इसे ध्रुवीकरण की राजनीति के रूप में देख रहा है। यह नारा आगामी उत्तर प्रदेश के उपचुनाव और लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा की रणनीति का हिस्सा हो सकता है, जहां पार्टी धर्म, एकता, और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर फोकस करना चाहती है। इस घटनाक्रम से साफ है कि चुनावी माहौल में सियासी बयानबाजी और नारों का महत्व काफी बढ़ गया है, जिससे राजनीतिक दल अपने समर्थकों को लामबंद करने का प्रयास कर रहे हैं।
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