India News(इंडिया न्युज),Uttar Pradesh: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मंत्री आजम खान रविवार शाम सहारनपुर के छुटमलपुर पहुंचे। जहां आजम खान भीम आर्मी के संस्थापक और आजाद पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद का हाल जाना। जिस दौरान राष्ट्रीय सचिव आजम खान ने मीडिया से बातचीत करते हुए राज्य सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि, उनका आज का मिशन चंद्र शेखर की खैरियत पूछना था जो पूरा हुआ। इसके बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आजम खान प्रदेश सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि, उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) पुलिस (UP Police) के विषय में मैं क्या कहूं? उसका अंदाजा इसी बात से लगा लें कि जब मैं चौथी बार मंत्री था और मेरी पत्नी कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर थी तब हमने एक शराब की दुकान से नकदी और शराब की बोतल लूटी थी। इसके बाद उन्होने कहा कि, भैंसा, बकरी आदि आदि के 250 मुकदमे दर्ज हैं. ऐसे में तो मैं पुलिस की तारीफ ही करूंगा। उत्तर प्रदेश सरकार कितने विषय में फेल है, पहले यह तय करना होगा। अगर किसी सब्जेक्ट में कंपार्टमेंट आती है तो भी प्रमोशन की उम्मीद होती है।
पुलिस के काम से नहीं हैं संतुष्ट- चंद्रशेखर आजाद
आजम खान के साथ चंद्र शेखर ने भी मीडिया से बात की जहां उन्होने कहा कि, सहारनपुर पुलिस ने जो खुलासा किया है उससे वह संतुष्ट नहीं है। जिसके बाद आजाद ने पुलिस के जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि, बिना बैलेस्टिक रिपोर्ट आए, पुलिस अधिकारी गोली और तमंचे का नाम तक बता रहे हैं। ऐसे में खुलासे पर सवाल खड़ा होना लाजमी है। पकड़े गए चारों हमलावार किसके इशारे पर उनकी हत्या करने आए थे, अभी तक उनका नाम सामने नहीं आया है। हमले के मुख्य आरोपी बाहर हैं, मास्टरमाइंड कल फिर हमला कर सकता है।
सीएम योगी पर उठाए सवाल
इसके बाद भीम आर्मी के संस्थापक चंद्र शेखर ने कहा कि, कोई कुछ भी कर ले, वह लोग चंद्रशेखर को लोगों के बीच जाने से नहीं रोक सकेंगे। पुलिस सुरक्षा में हत्या हो रही है, इसलिए पुलिस इंटेलिजेंस की क्या बात करें। फिर से पुलिस पर सवाल खड़े करते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि, पुलिस ने हमलावरों के हवाले से जो बात बता रही कि उन्हें टोल पर अचानक मैं दिखाई दिया, जिसके बाद हमलावरों ने हत्या करने का प्लान बना लिया जो संभव नहीं है। जिसके बाद आजाद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का घेराव करते हुए कहा कि, यदि उनसे कानून व्यवस्था नहीं संभल रहा है तो इस्तीफा दे दें. यहां और भी योग्य लोग है जो प्रदेश को संभाल सकते हैं. योगी आदित्यनाथ की भाषा है लोकतंत्र के हिसाब से सही नहीं है.
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