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Uttar pradesh: सरकारी अस्पताल में नवजात की मौत के बाद भी, स्टाफ न भूला नेग लेना, जानें पूरा मामला

Himanshu Pandey • LAST UPDATED : September 19, 2023, 11:00 pm IST

India News (इंडिया न्यूज़), Uttar pradesh: कानपुर में स्थित बिधनू सीएचसी में प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा की मौत के मामले में सीएमओ डॉ. आलोक रंजन ने रिपोर्ट जारी किया है। इस रिपोर्ट में दोषी पाए जाने वाले स्टाफ पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही जच्चा अनीता की मौत को लेकर परिजनों ने सीएचसी स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया है।

बच्चे की मौत के बाद भी स्टाफ ने लिया नेग

अनीता के पति शैलेंद्र ने कहा है कि, बच्ची पैदा हुई थी। जहां नवजात की हालत नाजुक थी और कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई। लेकिन उसके बाद भी स्टाफ ने दो हजार रुपये नेग रुप में ले लिए। साथ ही बताया कि, अनीता की मौत रास्ते में हैलट जाते वक्त हुई थी।

क्या है पूरा मामला?

शैलेंद्र ने मामले लेकर बताया कि वह ऑटो रिक्शा चालक है। सोमवार के शाम को घर आया तो अनीता के पेट में दर्द था। फिर उसे लेकर वह सीएचसी गया। वहां पर स्टाफ ने अनीता को अंदर लिटाने को कहा। फिर बाद बाहर से दवा लाने के लिए पर्ची दे दी। जिसके बाद वह तीन हजार रुपये की दवा लेकर आया। प्रसव के कुछ ही देर के बाद बच्ची की मौत हो गई। जिसके बाद अनीता की तबियत खराब होने पर हैलट रेफर कर दिया। उसने कहा कि, सोमवार को पत्नी के अंतिम संस्कार में व्यस्त था। अब सीएमओ और आला अधिकारियों से शिकायत करेंगे।

सीएचसी अधीक्षक राजेश सिंह ने दी सफाई

इसको लेकर सीएचसी अधीक्षक राजेश सिंह ने सफाई दी है कि, गायनी की परमानेंट एक स्त्री रोग विशेषज्ञ है। जो सुबह में ओपीडी और सीजर करती हैं। जो डॉक्टर दिन में ओपीडी करेगी। उससे नाइट सिफ्ट कैसे कराई जा सकती है। वहीं एक डॉक्टर संविदा प भी हैं। संविदा डॉक्टर से छह घंटे से ज्यादा ड्यूटी नहीं कराई जा सकती है। इसके साथ ही सीएमओ डॉ. आलोक रंजन का कहना है कि मामले के हर पहलू को देखा जाएगा।

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