संबंधित खबरें
एएमयू को बम से उड़ाने की धमकी, मांगे दो लाख, ईमेल के जरिए मिला संदेश
मेरठ में पति-पत्नी सहित 5 लोगों की हत्या, बेड के बक्से में मिले बच्चों के शव; मचा हड़कंप
‘वक्फ संपत्तियों को सुरक्षा देना…,’ CM योगी के बयान पर मौलाना मदनी ने किया पलटवार
'घर में जुतियाए जाते हैं…',कुमार विश्वास के तंज पर बाबा रामदेव ने लंका लगा दी
सोने-चांदी के तारों से बनी पीतांबरी धारण करेंगे रामलला, सीएम योगी करेंगे भव्य अभिषेक
तकनीक बनी हथियार, संदिग्ध गतिविधियों पर रख रहे 2,750 एआई सीसीटीवी
India News (इंडिया न्यूज), Supreme Court: सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि उत्तर प्रदेश गुंडा एवं असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम बहुत कठोर है। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह बात कही। दरअसल, मई 2023 में इलाहाबाद HC ने गुंडा एक्ट के तहत लंबित कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका को नकार दिया था। इस पर याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करने का निर्णय लिया है।
याचिका में पुलिस और न्यायिक मशीनरी पर लगे थे ये आरोप
सर्वोच्च न्यायालय ने बीते साल नवंबर में इस याचिका पर यूपी सरकार से जवाब तलब किया था। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत किसी भी तरह की कार्रवाई पर भी रोक लगा दी थी। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव अग्रवाल और अधिवक्ता तन्वी दुबे के माध्यम से दलील दी कि यूपी गैंगस्टर एक्ट के तहत उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर निराधार है और पिछली FIR से उपजी है। याचिका में यह कहा गया है कि यह एफआईआर दर्ज करना कानूनी प्रक्रिया का घोर दुरुपयोग है। दलील दी गई कि याचिकाकर्ता के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लगाना पक्षपातपूर्ण है और यह पुलिस और न्यायिक तंत्र का दुरुपयोग है।
SC ने बुधवार को कहा कि उत्तर प्रदेश गुंडा और असामाजिक गतिविधि रोकथाम एक्ट बहुत सख्त है। न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति के.वी. विश्वनाथन की पीठ ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह बात कही। दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मई 2023 में गुंडा एक्ट के तहत लंबित कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था। इस पर याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करने का फैसला किया है।
बुधवार को याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि उन पर सबसे पहले 1986 के अधिनियम की धाराओं के तहत अवैध खनन का मामला दर्ज किया गया था। एक ही आरोप में दो बार मामला दर्ज किया गया। गुंडा एक्ट की आलोचना करते हुए पीठ ने कहा कि इस पर विचार करने की आवश्यकता है। पीठ ने यह भी कहा कि कोर्ट इस कानून के कुछ प्रावधानों की संवैधानिकता को चैलेंज देने वाली एक अन्य याचिका पर भी सुनवाई करेगी।
इससे पहले निचली अदालत में याचिकाकर्ता की ओर से पेश एडवोकेट ने दलील दी थी कि उसे गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मामले में झूठा फंसाया गया है। उसके वकील ने हाईकोर्ट के समक्ष दावा किया था कि गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला केवल एक अन्य मामले के आधार पर दर्ज किया गया है जिसमें याचिकाकर्ता का नाम नहीं है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.