India News (इंडिया न्यूज़),Varanasi News: उत्तर प्रदेश के वाराणसी के मणि मंदिर मे च्यवनप्राश का भोग लगाकर यहां वाराणसी वासियों को बुखार व चिकनगुनिया और डेंगू से मुक्ति दिलाने की कामना की गई। और इतना ही नहीं, मंणि मंदिर में पहली बार घर की रसोईयों में तैयार पकवान से प्रभु को भोग लगाया गया हैं।
ठाकुर जी को च्यवनप्राश का भोग
धर्मसंघ दुर्गाकुंड स्थित मणि मंदिर में मंगलवार को अन्नकूट शृंगार में ठाकुर जी को च्यवनप्राश का भोग लगा। च्यवनप्राश का भोग लगाकर यहां वाराणसी वासियों को बुखार व चिकनगुनिया और डेंगू से मुक्ति दिलाने की कामना भी की गई। मंणि मंदिर में पहली बार घर की रसोई में बने पकवान से प्रभु को भोग लगा। उधर, बाबा विश्वनाथ को वही 21 क्विंटल का भोग भी लगाया गया।
51 क्विंटल प्रसाद का भोग
मणि मंदिर में यह पहला अवसर था जब अन्नकूट पर्व पर गृहस्थों ने ठाकुर जी को भोग लगाने के लिए अपने घर की रसोई में पकवान तैयार किए। कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य स्वामी शंकर विजयेंद्र सरस्वती ने भी अन्नकूट की झांकी के दर्शन किए। पीठाधीश्वर स्वामी शंकर देव चैतन्य ब्रह्मचारी महाराज के सानिध्य में 51 क्विंटल प्रसाद का भोग लगाया । पडित जगजीतन पांडेय के आचार्यत्व में देव विग्रहों की आरती हुई। अन्नकूट का प्रसाद आज वितरित होगा।
धाम में भी अन्नकूट का श्रृंगार
वाराणसी के काशी विश्वनाथ धाम में भी अन्नकूट का श्रृंगार हुआ। दोपहर में भोग आरती के बाद पंच बदन रजत प्रतिमा स्थापित की गई। बाबा को 21 क्विंटल निर्मित 56 भोग लगाया गया। बाबा के दरबार में भक्तों ने रात तक दर्शन किए। शाम को आरती के बाद माता अन्नपूर्णा के अन्न व धन का वितरण हुआ। परंपरा के मुताबिक टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास से ले जाकर भगवान शिव परिवार की रजत चल प्रतिमा गर्भगृह में प्रतिष्ठित की गई।
रजत प्रतिमा मंदिर में स्थापित
नाटकोट क्षेत्र के पारंपरिक वाद्ययंत्रों की गूंज व डमरूवादन के बीच बाबा की चल रजत प्रतिमा विश्वनाथ मंदिर में स्थापित की गई। डॉ. कुलपति तिवारी ने दीक्षित मंत्र से बाबा का पूजनकर अन्नकूट का भोग लगाया। शाम को बाबा की चल रजत प्रतिमा पुन: महंत आवास पर चली गई।
Also Read:
- MP Election 2023: मध्य प्रदेश में कांग्रेस पर बरसे पीएम मोदी, कह दी ये बड़ी बात
- Israeli-Hamas War Update : हमास की संसद पर लगा इजरायली झंडा, IDF का दावा 10 शक्तिशाली बटालियन तबाह