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India News (इंडिया न्यूज़), Chandramani Shukla, Women Reservation Bill: भाजपा सरकार की ओर से लाया गया महिला आरक्षण बिल पूरे देश की सियासत पर प्रभाव छोड़ने वाला है। ख़ासतौर से राजनीति में सक्रिय महिलाओं के लिए यह बिल और भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि बिल के कानून बनने के बाद लोकसभा में 181 सदस्य महिलाएं होंगी।
महिला आरक्षण बिल जो महिला सांसदों की संख्या अभी सिर्फ 82 है वो कम से कम 181 जरूर होगी। हालांकि इसे अभी कानून बनने में समय लगेगा लेकिन विपक्ष की ओर से भी ये कोशिश रहेगी कि इस मुद्दे पर भाजपा को जवाब देने के लिए किसी महिला नेता को मुख्य भूमिका में रखा जाए। ऐसे में सोनिया गांधी की उम्र को देखते हुए कांग्रेस पार्टी के पास सबसे बड़ा चेहरा प्रियंका गांधी ही नजर आती हैं। इसके पहले भी देखा गया है कि देश के सबसे बड़े सियासी सूबे का प्रियंका गांधी को प्रभारी बनाकर भेजा गया। जहां प्रियंका गांधी ने सुर्खियां तो बटोरी लेकिन चुनाव के परिणाम निराशाजनक रहे।
यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी शिकस्त के बाद ऐसा देखा गया था कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में प्रियंका गांधी ने सक्रियता कम कर दी थी। इस दौरान देश सियासत में तो प्रियंका गांधी सक्रिय नजर आई लेकिन उत्तर प्रदेश के मुद्दों को लेकर उतना गंभीर नहीं दिखी जितनी गंभीरता विधानसभा चुनाव के समय देखी गई थी। इस दौरान न ही उन्होंने उत्तर प्रदेश का दौरा किया लेकिन लोकसभा चुनाव के नजदीक आते ही एक बार फिर से प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय होती नजर आ रही हैं।
प्रियंका गांधी की बसपा सुप्रीमो के साथ आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर गठबंधन के लिए बातचीत की राजनीतिक गलियारों में चर्चा जोरों पर है। ऐसा कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के बीते विधानसभा चुनाव में बसपा से गठबंधन करने की जिम्मेदारी राहुल गांधी ने संभाली थी लेकिन वह ऐसा करने में कामयाब नहीं हो पाए थे। इस बार लोकसभा चुनाव में बसपा को मनाने की जिम्मेदारी प्रियंका गांधी के कंधों पर है। यह बात तो तय है कि अगर बसपा के साथ भी कांग्रेस गठबंधन में कामयाब होती है तो उसे सियासी मजबूती जरूर मिलेगी। वहीं अगर इस भूमिका में प्रियंका गांधी अहम रोल निभा पाती है तो उनकी राजनीतिक छवि में बड़ा इजाफा होगा।
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के एक बार फिर से सक्रिय होने के कयास इस वज़ह से भी निकाले जा रहे हैं क्योंकि एक बार फिर से शीला कौल की कोठी की साफ सफाई देखने को मिल रही है। शीला कौल का यह वही आवास है जहां प्रियंका गांधी लखनऊ प्रवास के दौरान रुकती रही हैं। कुछ दिन पहले जहां बड़ी बड़ी घास नजर आ रही थी वंहा अब साफ सफाई हो गयी है। हालांकि अभी कोई अधिकारी कार्यक्रम नहीं जारी हुआ है ना ही पार्टी की ओर से किसी राजनीतिक कार्यक्रम की सूचना दी गई है लेकिन जिस तरह से प्रियंका गांधी के उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ने और सियासी गठबंधन में मुख्य भूमिका निभाने की चर्चा हो रही है। उससे यह बात तो स्पष्ट है कि प्रियंका गांधी जल्द ही उत्तर प्रदेश का रुख करेंगी।
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