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India News (इंडिया न्यूज), Zia Ul Haq Murder Case: उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री और प्रतापगढ़ की कुंडा सीट से बाहुबली विधायक राजा भैया (Raja Bhaiya) की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। जिया उल हक (Zia Ul Haq) मर्डर केस में सीबीआई ने फिर से जांच शुरू कर दी है। सीबीआई (CBI) की पांच सदस्यीय टीम ने बुधवार देर रात कुंडा के बलीपुर गांव पहुंची और फिर से अपनी तफ्तीश शुरू कर दी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के सीबीआई की टीम ने दोबारा जांच शुरू की है।
जिया उल हक की पत्नी परवीन आजाद की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने कुंडा विधायक राजा भैया और उनके साथियों को क्लीन चिट दिए जाने पर सीबीआई को दोबारा जांच करने का आदेश दिया था। इसी के बाद सीबीआई की टीम ने बलीपुर गांव जाकर घटनास्थल का मुआयना किया। घटनास्थल पर करीब 2 घंटे तक सीबीआई की टीम रही। सीबीआई की टीम ने इलाके के हथिगवां थाने जाकर वहां से भी जानकारी जुटाई। सीबीआई की टीम ने गांव में कुछ लोगों से बातचीत भी की है। इस मामले में राजा भैया से भी दोबारा पूछताछ होगी।
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गौरतलब है कि मार्च 2013 को जिया उल हक की हत्या हुई थी। कुंडा इलाके के बलीपुर गांव में डबल मर्डर की घटना के बाद मौके पर पहुंचे डीएसपी को मौत के घाट उतारा गया था। राजा भैया उस वक्त की तत्कालीन अखिलेश यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। जिया उल हक की पत्नी परवीन आजाद ने राजा भैया के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी। राजा भैया के साथ ही उनके कुछ करीबियों के खिलाफ भी नामजद एफआईआर दर्ज की गई थी।
जिया उल हक हत्या के मामले की जांच सीबीआई से 8 मार्च, 2013 से शुरू की। इस दौरान सीबीआई ने राजा भैया से लगातार दो दिनों तक लंबी पूछताछ भी की थी। उनका पॉलीग्राफी टेस्ट भी हुआ। जांच-पड़ताल के बाद राजा भैया को क्लीन चिट मिल गई। उनके खिलाफ ऐसे सबूत नहीं मिले जिससे उन पर केस चलाया जा सके। क्लीन चिट मिलने के बाद राजा भैया 19 अक्टूबर, 2013 को फिर अखिलेश यादव के मंत्रिमंडल में शामिल हो गए। उन्हें फिर से खाद्य एवं रसद विभाग की जिम्मेदारी दी गई।
सीबीआई ने राजा भैया समेत अन्य आरोपियों को क्लीन चिट देते हुए 31 जुलाई 2013 को फाइनल क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में लगा दी। इसमें 14 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इनमें राजा भैया या उनके किसी भी करीबी का नाम नहीं था। सीबीआई की इस क्लोजर रिपोर्ट को परवीन आजाद ने चुनौती दी थी।
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