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Uttarakhand Politics
अजीत मैंदोला, नई दिल्ली:
कांग्रेस ने सोमवार को उत्तराखण्ड में बीजेपी को तगड़ा झटका दिया। मौजूदा सरकार के केबीनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके विधायक बेटे संजीव आर्य की पार्टी में फिर से वापसी कराई। 2014 के बाद से इन सात साल में पहली बार ऐसा हुआ कि सत्ताधारी बीजेपी के मंत्री और विधायक पर विपक्षी पार्टी ने सेंध लगाई हो। उत्तरभारत में अभी तक बीजेपी ही दूसरे दलों में सेंध लगाने का काम करती रही है। उत्तराखण्ड ने बीजेपी के लिये खतरे की घण्टी बजा दी है। पिछले कुछ दिनों में उत्तराखण्ड में बीजेपी ने दूसरे दलों के नेताओं को पार्टी में शामिल करवाया था। हालांकि यशपाल आर्य पुराने कांग्रेसी हैं। पिछले चुनाव में तब के मुख्यमंत्री हरीश रावत से अनबन होने और आलाकमान में सुनवाई न होने के चलते उन्होंने कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन पकड़ लिया था। यूपी और उत्तराखण्ड में अभी तोड़पोड़ का यह सिलसिला जारी रहने के आसार है। उत्तराखण्ड में बीजेपी सरकार में आधे मंत्री पुराने कांग्रेसी हैं। सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत, रेखा आर्य, सुबोध उनियाल जैसे मंत्री कांग्रेस से ही बीजेपी में गए हैं।
सूत्रों का कहना है एक दो मंत्रियों पर कांग्रेस की नजर लगी है। दरअसल कांग्रेस में असल झगड़ा मुख्यमंत्री की कुर्सी का ही है। हालांकि आलाकमान ने हरीश रावत को सीएम का चेहरा घोषित किया है। लेकिन यशपाल आर्य के कांग्रेस में शामिल होने के बाद कांग्रेस के समीकरण बदल सकते हैं।क्योंकि आर्य को शामिल कराने में हरीश रावत विरोधी खेमे के पूर्व प्रदेश अध्य्क्ष प्रीतम सिंह की बड़ी भूमिका मानी जा रही है। अगर बीजेपी में शामिल दूसरे कांग्रेसी नेताओं को आभास हुआ कि चुनाव बाद हरीश रावत की जगह कोई और भी मुख्यमंत्री बन सकता है तो फिर बीजेपी में बड़ी टूट हो सकती है क्योंकि बीजेपी ने तो साफ कर दिया है चुनाव बाद पुष्कर सिंह धामी ही मुख्यमंत्री होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उत्तराखण्ड दौरे पर धामी के नाम पर मोहर भी लगा दी।
साफ है कि असम जैसा कोई प्रयोग उत्तराखण्ड में नहीं होगा। हालांकि बीजेपी आर्य के झटके के बाद चुप नही बैठेगी। उसका टारगेट कुमायूँ मंडल में कांग्रेस के ओर नेताओ में सेंध लगाने की होगी। इस बार कुमायूँ मंडल का चुनाव दिलचस्प होगा। मुख्यमंत्री धामी केंद्र में राज्य मंत्री अजय भट्ट कुमायूं से ही। उधर कांग्रेस के सीएम चेहरे हरीश रावत ओर आज कांग्रेस में शामिल हुये आर्य भी कुमायूँ से ही हैं। किसान और सिख राजनीति भी कुमायूँ के उधमसिंह नगर जिले में ही असर डालती है। धामी और आर्य उधमनगर जिले से ही चुनाव लड़ते हैं। गढ़वाल में बीजेपी कांग्रेस से ही आये नेता हैं। आम आदमी पार्टी के सीएम चेहरे कर्नल कोटियाल जरूर गढ़वाल से है। मुकाबला यदि तिकोना हुआ तो कांग्रेस के लिये ठीक नही है। आप पार्टी पूरी ताकत लगा रही है।ऐसे में कांग्रेस अगर बीजेपी से अपने और पुराने नेताओं की वापसी कराने में सफल होती है तो बीजेपी के लिये वापसी मुश्किल हो जाएगी। ऐसे में आने वाले दिनों में देखना होगा कि कांग्रेस ओर बीजेपी एक दूसरे के दलों में कितना सेंध लगाते हैं।
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