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India News (इंडिया न्यूज), Influenza-A Virus: उत्तराखंड में देहरादून के दून अस्पताल में इन्फ्लुएंजा-ए वायरस से संक्रमित पहला मरीज सामने आया है। मरीज की उम्र 17 वर्ष है और उसे गंभीर हालत में अस्पताल के आईसीयू में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है। चिकित्सकों के अनुसार, प्रारंभिक लक्षणों में तेज बुखार, जुकाम, खांसी और सांस लेने में कठिनाई थी। जब मरीज की हालत गंभीर हो गई, तो उसे आरटीपीसीआर जांच के लिए भेजा गया, जिसकी रिपोर्ट में इन्फ्लुएंजा-ए वायरस की पुष्टि हुई।
इन्फ्लुएंजा-ए एक वायरल संक्रमण है जो सर्दी-खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याओं को पैदा करता है। यह वायरस किसी भी आयु वर्ग के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है, लेकिन खासकर 5 वर्ष से कम और 65 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों और बुजुर्गों में इसका खतरा अधिक होता है। दून अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक कुमार के अनुसार, इन्फ्लुएंजा-ए का संक्रमण आमतौर पर श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। इसके प्राथमिक लक्षणों में तेज बुखार, खांसी, जुकाम और सांस लेने में कठिनाई शामिल हैं। यदि इन लक्षणों को नजरअंदाज किया जाता है तो यह स्थिति गंभीर हो सकती है, इसलिए डॉक्टर की सलाह तुरंत लेनी चाहिए।
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इन्फ्लुएंजा-ए वायरस से बच्चों और बुजुर्गों में गंभीर परिणाम हो सकते हैं, क्योंकि इन दोनों वर्गों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। 17 वर्षीय मरीज को इन्फ्लुएंजा-ए वायरस का संक्रमण दिल्ली के एक अस्पताल से हो सकता है, जहां उसका इलाज चल रहा था। मरीज के अस्पताल से दवाइयाँ लेकर आने के बाद उसकी तबियत बिगड़ी, और जांच में यह वायरस पुष्टि हुई।
दून अस्पताल प्रशासन ने मरीज की पुष्टि के बाद सक्रिय कदम उठाए हैं। अस्पताल में इस वायरस के लिए अलग से 8 बेड और एक आईसीयू तैयार किया गया है। मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए आइसोलेशन वार्ड में सभी आवश्यक संसाधन जुटाए गए हैं। इसके अलावा, अस्पताल में स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि संक्रमण के फैलाव को रोका जा सके।
डॉ. अशोक कुमार के अनुसार, इन्फ्लुएंजा-ए वायरस से बचने के लिए लोगों को अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए। खासकर घर से बाहर जाते समय मास्क लगाना और व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखना जरूरी है। इसके अलावा, अगर किसी व्यक्ति में इन्फ्लुएंजा-ए के लक्षण दिखें तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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