Tired of Son’s Illness : बेटे की बीमारी से तंग पिता ने मासूम का गला घोंटा

इंडिया न्यूज, उत्तराखंड :

Tired of Son’s Illness, the Father Strangled the Innocent : एक पिता ने साढ़े तीन साल के बेटे की हीमोफीलिया बीमारी से तंग आकर उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी। बाद में शव को अपने खेत के पास ही फेंक गुमुशदगी दर्ज कराई। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपी पिता को पकड़कर कड़ाई से पूछताछ की तो वह टूट गया और अपना गुनाह कबूल कर लिया। पुलिस ने आरोपी पिता को जेल भेज दिया। आरोपी ने बताया बेटे की हीमोफीलिया बीमारी का महंगा इलाज न करा पाने के कारण उसने यह वारदात की।

डेढ़ साल से ट्रक कारोबार में हो रहा था घाटा Tired of Son’s Illness, the Father Strangled the Innocent

एएसपी ममता बोहरा ने बताया कि सिरौलीकलां निवासी मो. तारिक उसके बेटे को हीमोफीलिया नामक गंभीर बीमारी थी। उसका इलाज काफी मंहगा है। पिछले एक डेढ़ साल से ट्रक के कारोबार में उसे लगातार घाटा हो रहा है। तीन-चार दिन पहले वह अपने बच्चे को लेकर हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल गया था जहां पर तमाम जांचों के बाद डॉक्टरों ने बच्चे को दिल्ली दिखाने की सलाह दी थी। तारिक के अनुसार ट्रक की 22 हजार रुपये प्रति महीने की चार किस्तें बकाया चल रही थीं। वह इसे भी नहीं दे पा रहा था। इस कारण उसने यह कदम उठाया।

बाइक से बेटे को ले गया था खेत

 

आरोपी पिता बेटे शाबान को बाइक से खेत पर ले गया, जबकि लौटते समय वह अकेला लौटा। काफी देर तक जब बेटा घर के अंदर नहीं पहुंचा तो परिवार वालों को चिंता हुई। बहेड़ी से आकर उसने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने हाईवे के आसपास के सीसीटीवी खंगाले तो फुटेज में तारिक की करतूत पकड़ी गई।

बार-बार बदलता रहा बयान

पुलिस ने बताया कि आरोपी तारिक पूछताछ में बार-बार वह अपने बयान भी बदल रहा था। इस बीच उसके पैतृक गांव से बच्चे का शव मिलने की बात भी सामने आ गई। पुलिस टीम ने मो. तारिक से सख्ती से पूछताछ की तो वह टूट गया। उससे खुद ही बेटे की हत्या की बात कबूल करते हुए बताया कि शव बहेड़ी (यूपी) के ढकिया गांव में अपने खेत में फेंक आया है।

लकड़ी काटने गए बच्चों ने देखा था शव

पुलिस के अनुसार बहेड़ी के ग्राम ढकिया में तारिक के कई रिश्तेदार रहते हैं। बुधवार सुबह ढकिया गांव के कुछ बच्चे लकड़ी काटने के लिए नहर किनारे पहुंचे तो वहां बालक का शव दिखाई दिया। तारिक के रिश्तेदार वहां पहुंचे तो बालक की शिनाख्त शाबान के रूप में की। जिस स्थान पर शव बरामद किया गया वहीं तारिक की एक बीघा पैतृक जमीन है।

जेवर तक बेच डाले

शाबान के नाना अब्दुल राजिक ने बताया कि उसकी बेटी आयशा का निकाह आठ साल पहले तारिक के साथ हुआ था। तारिक कई साल से सिरौलीकलां में किराये के मकान में रह रहा था। उसका एक ट्रक है। इसी से वह अपने परिवार की जीविका चला रहा था। अब्दुल के अनुसार कर्ज के कारण उनका दामाद घर के जेवर भी बेच चुका था।

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