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India News (इंडिया न्यूज),Uttarakhand News: उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार एक और बड़ा फैसला लेने जा रही है। ये फैसला देश के लिए एक मिसाल बनने वाला है। दरअसल, अब उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने जा रही है। इसके लिए विशेषज्ञ समिति शुक्रवार सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री को यूसीसी ड्राफ्ट सौंपेगी। इसके बाद मुख्यमंत्री आगे की प्रक्रिया शुरू करेंगे।
दरअसल, यूसीसी के लिए गठित कमेटी गुरुवार शाम को ही देहरादून पहुंच गई थी। आज सुबह करीब 11 बजे समिति यूसीसी ड्राफ्ट सीएम को सौंपेगी। इसके बाद सीएम धामी कैबिनेट बैठक में यूसीसी ड्राफ्ट पर चर्चा करेंगे और कैबिनेट बिल को मंजूरी देगी। इसके बाद 5 फरवरी से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में इस बिल को सदन के पटल पर रखे जाने की उम्मीद है। इसे 6 फरवरी को सदन में लाए जाने की संभावना है। यहां से बिल पास होने के बाद इसे राज्यपाल के पास भेजा जाएगा, जहां से मंजूरी मिलने के बाद यह कानून बन जाएगा। चर्चा है कि जरूरत पड़ी तो राजभवन इसे राष्ट्रपति को भी भेज सकता है।
धामी सरकार ने 27 मई, 2022 को समान नागरिक संहिता तैयार करने की संभावनाएं तलाशने और नागरिकों के सभी व्यक्तिगत मामलों से संबंधित कानूनों की जांच करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। यह मसौदा 20 महीने बाद तैयार किया गया है। अगर उत्तराखंड में यूसीसी लागू हो गया तो सभी के लिए एक जैसे नियम-कानून होंगे। यूसीसी लागू होने के बाद तलाक कानूनी प्रक्रिया के जरिए ही होगा। यानी तलाक के सभी धार्मिक तरीके अवैध होंगे।
नए कानून के दायरे में तलाक-ए-हसन और तलाक-ए-अहसन भी आएंगे। बिना शादी के साथ रहने यानी लिव-इन रिलेशनशिप में बढ़ते अपराधों पर लगाम लगाने के लिए यूसीसी में प्रावधान किए गए हैं। यूसीसी में बहुविवाह, हलाला और इद्दत पर प्रतिबंध लगाने का भी प्रावधान है।
वहीं, लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र में भी बदलाव की संभावना है। इसे बढ़ाकर 21 साल किया जा सकता है। विवाह पंजीकरण सभी के लिए जरूरी होगा। विवाह की तरह तलाक पर भी पति-पत्नी को समान अधिकार होगा। ऐसी चर्चा है कि यूसीसी सभी धर्मों के लिए गोद लेने से संबंधित नियमों और गोद लिए गए बच्चों के लिए जैविक बच्चों के समान अधिकारों की भी सिफारिश कर सकता है।
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