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India News (इंडिया न्यूज), Uttarakhand Court: उत्तराखंड के देहरादून में चार साल की मासूम बच्ची से दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने दोषी को 20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। फास्ट ट्रैक कोर्ट (पॉक्सो) के न्यायाधीश पंकज तोमर की अदालत ने इस गंभीर अपराध पर दोषी को सख्त सजा देने के साथ-साथ एक लाख दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने आदेश दिया कि इस राशि में से एक लाख रुपये पीड़ित बच्ची को प्रतिकार के रूप में दिए जाएं।
यह मामला 27 नवंबर 2022 का है, जब हिमाचल प्रदेश निवासी एक महिला ने प्रेमनगर थाने में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के अनुसार, महिला किडनी में पथरी के इलाज के लिए देहरादून आई थी। 24 नवंबर को उनका ऑपरेशन हुआ और अगले दिन तक वह अस्पताल में भर्ती रहीं। इस दौरान उनके पति ने अपनी चार वर्षीय बेटी को एक परिचित के पास छोड़ दिया। 26 नवंबर को महिला अस्पताल से छुट्टी लेकर अपने परिवार के साथ हिमाचल प्रदेश लौट गई। अगले दिन सुबह बच्ची ने दर्द की शिकायत की। पूछने पर बच्ची ने बताया कि आरोपी ने उसके साथ गलत काम किया है। इसके बाद महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने 27 नवंबर 2022 को मामला दर्ज कर आरोपी को 28 नवंबर को गिरफ्तार कर लिया। जांच के बाद पुलिस ने 27 जनवरी 2023 को अदालत में चार्जशीट दाखिल की। अभियोजन पक्ष ने अदालत में सभी सबूत और गवाह पेश किए। सुनवाई के बाद अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए 20 साल की कठोर सजा सुनाई। साथ ही दोषी को 1,10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। जुर्माना न भरने पर दोषी को अतिरिक्त छह महीने की सजा भुगतनी होगी।
यह सजा समाज को यह संदेश देती है कि मासूम बच्चों के खिलाफ ऐसे घिनौने अपराध करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। अदालत ने इस मामले में त्वरित और सख्त निर्णय देकर न्याय का उदाहरण प्रस्तुत किया है।
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