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India News (इंडिया न्यूज), Uttarakhand News: उत्तराखंड के लोगों को यह जानकर खुशी होगी की ‘उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता’ (UCC) लागू करने की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में पहुंच गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में 20 जनवरी को हुई कैबिनेट बैठक में UCC नियमों को मंजूरी मिल गई। इस ऐतिहासिक कदम के तहत शादी, तलाक, लिव-इन रिलेशनशिप, वसीयत, उत्तराधिकार समेत सभी मामलों में एक समान कानून लागू होगा।
खबरों की माने तो 26 जनवरी को इन नियमों को लागू करने का ऐलान किया जा सकता है। कैबिनेट द्वारा मंजूर नियमों के तहत शादी और तलाक से जुड़े प्रमाण पत्र, लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण, वसीयत और उत्तराधिकार प्रावधानों को ऑनलाइन पोर्टल के जरिए किया जाएगा। इसके अलावा उत्तराखंड के सुदूर गांवों तक इन सेवाओं को पहुंचाने के लिए लोक सेवा केंद्रों (CSC) की मदद ली जाएगी।
UCC नियमों को मंजूरी देने के बाद मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य बनने जा रहा है, जहां समान नागरिक संहिता लागू होगी। यह हमारी सरकार द्वारा जनता से किया गया वादा था, जिसे हम पूरा करने जा रहे हैं। UCC के क्रियान्वयन के लिए अत्याधुनिक तकनीक आधारित व्यवस्था लागू की गई है। ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया गया है, जिसमें आधार आधारित सत्यापन, 22 भारतीय भाषाओं में एआई अनुवाद और 13 से अधिक विभागों के डेटा समन्वय की सुविधा दी जाएगी।
सरकार ने इन सेवाओं के लिए अलग से शुल्क तय किया है। लिव-इन रिलेशनशिप के पंजीकरण और समाप्ति की प्रक्रिया को भी सरल बनाया है। इसमें एक पक्ष द्वारा समाप्ति आवेदन पर दूसरे पक्ष की पुष्टि अनिवार्य होगी। UCC नियमों के तहत 26 मार्च, 2010 के बाद हर जोड़े के लिए विवाह और तलाक का पंजीकरण अनिवार्य होगा। नियमों का पालन न करने पर 25 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
आपको बता दें कि विवाह के लिए लड़के की उम्र 21 साल और लड़की की 18 साल होनी चाहिए। तलाक के मामलों में महिलाएं भी पुरुषों के समान अधिकार और कारण बताकर तलाक ले सकेंगी। हलाला और इद्दत जैसी प्रथाओं पर रोक लगेगी। लिव-इन में रहने वाले हर व्यक्ति के लिए पंजीकरण अनिवार्य होगा। इन जोड़ों को पंजीकरण रसीद के साथ घर, छात्रावास या पीजी किराए पर लेने की अनुमति होगी। लिव-इन में जन्मे बच्चों को जैविक संतान का दर्जा मिलेगा और उन्हें समान अधिकार मिलेंगे।
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इसी के साथ उत्तराधिकार से जुड़े प्रावधानों में बेटा-बेटी को समान अधिकार दिए जाएंगे। वसीयत के पंजीकरण, संशोधन, निरस्तीकरण और पुनरुद्धार की प्रक्रिया भी ऑनलाइन पोर्टल के जरिए होगी। सरकार ने UCC को लेकर मॉक ड्रिल की योजना बनाई गई है। 21 जनवरी को पूरे प्रदेश में पहली बार वेब पोर्टल का इस्तेमाल किया जाएगा। इस दौरान रजिस्ट्रार, सब-रजिस्ट्रार और अन्य अधिकारी पोर्टल पर लॉग इन कर विवाह, तलाक और अन्य सेवाओं का अभ्यास करेंगे। मॉक ड्रिल के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि यूसीसी के क्रियान्वयन के बाद आम जनता को किसी तकनीकी समस्या का सामना न करना पड़े।
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