बांग्लादेश की सबसे शक्तिशाली संस्था के रूप में देखी जाने वाली देश की सेना के सामने बड़ी मुश्किल स्थिति आ गई है। ये मुश्किल सेना के अंदर से ही खड़ी हुई है। सेना के अंदर विभाजन गहरा गया है और तीन पावर सेंटर बन रहे हैं। इनमें से प्रत्येक केंद्र का नेतृत्व एक जनरल कर सकता है। घटनाक्रम से अवगत लोगों ने ये जानकारी दी है। बांग्लादेश में शेख हसीना के जाने के बाद फैली राजनीतिक अस्थिरता के दौरान देश को अराजकता में जाने से बचाने के लिए सेना की तरफ उम्मीद से देखा जाता है।