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कला का सूरज ढला! Ram V. Sutar के निधन से कला जगत में सन्नाटा, याद आएंगे उनके बनाए अनगिनत स्मारक

Written By: Aksha Choudhary
Last Updated: December 18, 2025 18:35:35 IST

Ram Sutar Passes Away: कला और शिल्पकला के क्षेत्र में एक ऐसा नाम जिसने दशकों तक भारतीय सार्वजनिक स्मारकों को नया आकार दिया, अब हमारे बीच नहीं रहा। महान मूर्तिकार राम वंजी सुतार का निधन 100 वर्ष की उम्र में नोएडा में हो गया है, जिससे कला जगत में गहरा शोक व्याप्त है,राम वी. सुतार(Ram V. Sutar) का नाम भारतीय मूर्तिकला के इतिहास में एक मिथक की तरह दर्ज है, उन्होंने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी — दुनिया की tallest मूर्ति — का डिजाइन तैयार किया, जो सरदार वल्लभभाई पटेल को समर्पित है और भारतीय गौरव का प्रतीक बन चुकी है, इसके अलावा संसद परिसर में महात्मा गांधी की ध्यानमग्न प्रतिमा और छत्रपति शिवाजी महाराज की घोड़े पर सवार विशाल मूर्ति जैसी प्रतिष्ठित कृतिया भी उनके हाथों निर्मित हैं, जिन्होंने देश की सांस्कृतिक विरासत को स्थायी रूप दिया, सुतार जी ने मुंबई के Sir J. J. School of Art से गोल्ड मेडल हासिल किया और अपने सात दशक से अधिक के करियर में लगभग 400 से ज्यादा स्मारक और मूर्तियाँ तैयार कीं, जिनमें इतिहास.

Ram Sutar Passes Away: कला और शिल्पकला के क्षेत्र में एक ऐसा नाम जिसने दशकों तक भारतीय सार्वजनिक स्मारकों को नया आकार दिया, अब हमारे बीच नहीं रहा। महान मूर्तिकार राम वंजी सुतार का निधन 100 वर्ष की उम्र में नोएडा में हो गया है, जिससे कला जगत में गहरा शोक व्याप्त है,राम वी. सुतार(Ram V. Sutar) का नाम भारतीय मूर्तिकला के इतिहास में एक मिथक की तरह दर्ज है, उन्होंने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी — दुनिया की tallest मूर्ति — का डिजाइन तैयार किया, जो सरदार वल्लभभाई पटेल को समर्पित है और भारतीय गौरव का प्रतीक बन चुकी है, इसके अलावा संसद परिसर में महात्मा गांधी की ध्यानमग्न प्रतिमा और छत्रपति शिवाजी महाराज की घोड़े पर सवार विशाल मूर्ति जैसी प्रतिष्ठित कृतिया भी उनके हाथों निर्मित हैं, जिन्होंने देश की सांस्कृतिक विरासत को स्थायी रूप दिया, सुतार जी ने मुंबई के Sir J. J. School of Art से गोल्ड मेडल हासिल किया और अपने सात दशक से अधिक के करियर में लगभग 400 से ज्यादा स्मारक और मूर्तियाँ तैयार कीं, जिनमें इतिहास, मानवत्व और देशभक्ति की गहराई समाई हुई थी, उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, मुख्यमंत्री सहित कला-प्रिय नागरिकों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनके बनाए स्मारक भारत की कहानी और गौरव को अनंत काल तक जीवित रखेंगे

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